अवैध ब्लास्टिंग : धारणी में जींदगी और मौत का खेल
ट्रैक्टर और बारुद के साथ राजस्थानियों का कुसूमकोट खुर्द में डेरा

* गांव के गांव तबाह होने का खतरा
* प्रशासन की मेहरबानी से चल रहा कारोबार
धारणी/ दि.25– मेलघाट जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्र में अवैध तरीके से बगैर अनुमति और बिना सुरक्षा के कुओं में बारुद लगाकर विस्फोट किया जाता है. यह विस्फोट इतना खतरनाक होता है कि किसी की जान जाना मामूली बात है. हाल ही में एक व्यक्ति की इसी विस्फोट में मौत भी हुई है. ब्लास्टिंग करने के लिए राजस्थान से आये राजस्थानियों ने यहां के कुसूमकोट खुर्द में डेरा डाल रखा है. वे अपने साथ ब्लास्टिंग के उपयोग में लाये जाने वाले टे्रैक्टर और बारुद का जखिरा भी साथ में रखते है. जिससे पूरा गांव का गांव तबाह होने का खतरा बना हुआ है. संबंधित विभाग को इसकी सारी जानकारी होने के बाद भी किसी तरह का ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.
बता दे कि, विगत 14 मार्च रविवार की शाम 4 बजे धारणी के चिंचघाट गांव में एक खेत में अवैध तरीके से ब्लास्टिंग की गई. इस जगह सुरक्षा से संबंधित कोई भी इंतजाम नहीं थे. बारुद के धमाके से कुएं के बडे-बडे पत्थर हवा में उडने लगे. उस बडे पत्थर की चपेट में आये खेत मालिक राजकुमार श्यामलाल भिलावेकर के सिर पर ब्लास्टिंग का बडा पत्थर उछलकर गिरा. जिसके कारण अधिक खुन बह जाने से भिलावेकर की मौके पर ही मौत हो गई. इसके बाद राजस्थान के ब्लास्टिंग करने के लिए आया मालिक व उसका कर्मचारी विस्फोट के लिए लायी सामग्री और ट्रैक्टर लेकर घटनास्थल से फरार हो गए. पुलिस ने बकायदा नियमानुसार घटनास्थल का पंचनामा किया. भिलावेकर की लाश पोस्टमार्टम के लिए रवाना की. अंतविधि भी हुई, परंतु इस मामले में अब तक कोई आरोपी नहीं पकडा गया. मामला पूरी तरह से ठंडे बस्ते में है.
इस तरह की घटनाएं धारणी में आम बात होते जा रही है. अवैध तरीके से ब्लास्टिंग होने के कारण किसी तरह के सुरक्षा इंतेजाम नहीं किये जाते, जिसके चलते कई लोग घायल होने की बात भी सामने आयी है. राजस्थान से कुछ लोग 5 से 6 ट्रैक्टर लेकर साथ में ब्लास्टिंग से संबंधित अन्य यंत्र व ब्लास्टिंक करने के लिए अपने साथ बारुद भी लेकर आये. उन लोगों ने कुसूमकोर्ट खुर्द में अपना डेरा जमा रखा है. एक कमरे में ब्लास्टिंग से संबंधित सामग्री रखी है. यह बारुद कभी भी लापरवाही के चलते ब्लास्ट हो सकता है और इस ब्लास्ट से पूरे गांव को खतरा बना हुआ है. अवैध तरीके से धारणी में होने वाली ब्लास्टिंग के बारे में संबंधित अधिकारियों को सारी जानकारी है. इसके बाद भी जानबुझकर नजरअंदाज किया जा रहा है. एक तरह से आदिवासी बहुल क्षेत्र में ब्लास्टिंग का यह खतरनाक जानलेवा खेल खेला जा रहा है. अगर वक्त रहते इस खतरनाक खेल पर अंकुश नहीं लगाया गया तो तीव्र आंदोलन छेडे जाने की चेतावनी गांववासियों ने दी हैं.