रेमडेसिविर आयात की प्रक्रिया तत्काल पूर्ण करे
हाईकोर्ट के आदेश : राज्य सरकार की उदासीनता पर नाराजगी जताई
नागपुर/दि.4 – राज्य में रेमडेसिविर इंजेक्शन आयात करने की प्रक्रिया तत्काल पूर्ण करने के आदेश मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने राज्य सरकार को दिये है तथा राज्य सरकार इस संदर्भ में उदासिनता दिखा रही है. जिसपर नाराजगी भी व्यक्त की.
न्यायालय में कोरोना संदर्भ में तीन जनहित याचिका प्रलंबित है. उसपर न्यायमूर्तिव्दय सुनील शुक्रे व अविनाश घरोटे के समक्ष सुनवाई हुई. राज्य में रेमडेसिविर इंजेक्शन के आयात की अनुमति हासिल करने के लिए राज्य के मुख्य सचिव ने 22 अप्रैल को केंद्र सरकार को पत्र लिखने के बाद केंदीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग के राजेश भुषण ने इसपर जवाब भेजकर रेमडेसिविर आयात करने के लिए इंपोर्ट मार्केटिंग परमिशन, रजिस्ट्रेशन सर्टीफिकेट व इंपोर्ट लाईसेंस की जरुरत रहने की बात कही और इन तीन मुद्दों की पूर्तता हुई तो अन्य कोई भी अनुमति की जरुरत न रहने की बात स्पष्ट की है, ऐसा रहते समय राज्य सरकार ने न्यायालय को इस संदर्भ में अवगत नहीं किया. जिससे न्यायालय ने राज्य सरकार की कानखिचाई की. कोरोना मरीजों के प्राण बचाना राज्य सरकार का मुलभूत कर्तव्य है. संकटकाल में सरकार ने और अधिक सतर्कता दिखाने की जरुरत है, ऐसा न्यायालय ने स्पष्ट कर संबंधित तीनों मुद्दों की तत्काल पूर्तता करने का आदेश दिया.साथ ही इन मुद्दों से संबंधित प्राधिकरण ने भी इस पर कानून के अनुसार तत्काल निर्णय देना चाहिए, इस तरह के निर्देश दिये. राज्य सरकार विविध अस्पतालों में ऑक्सिजन प्लॉट खडे करने पर निर्णय लेने वाली थी, उसका क्या हुआ, इस तरह का प्रश्न भी सरकार को न्यायालय ने पूछा.
ऑक्सिजन के लिए कोल इंडिया को 1188 करोड का प्रस्ताव
मेडिकल, मेयो व एम्स अस्पताल में ऑक्सिजन प्रकल्प खडा करने के लिए 11 करोड 88 लाख रुपए उपलब्ध कर देने का प्रस्ताव वेकोली ने कोल इंडिया को पेश किया. इसपर 4 मई तक निर्णय लेने के आदेश न्यायालय ने कोल इंडिया को दिये है. इसके अलावा वेकोली ने इन प्रकल्पों के लिए सीएसआर निधि से 2 करोड 5 लाख 50 हजार का चेक जिलाधिकारी को दिया है. न्यायालय के आदेश के अनुसार मॉइल ने भी 2 करोड 50 लाख रुपए देने का निर्णय लिया है. वह जिलाधिकारी जहां बतायेंगे उस अस्पताल में ऑक्सिजन प्रकल्प खडा करने के लिए तैयार है. न्यायालय ने उन्हें और एक करोड रुपए बढाकर देने की अपील की है.
विदर्भ में कितना सीएसआर निधि है
विदर्भ में कितने उद्योग है और उनके पास कितना सीएसआर निधि उपलब्ध है, इसकी जानकारी नागपुर व अमरावती विभागीय आयुक्त ने पेश करनी चाहिए तथा एनटीपीसी मोदा, महाजेनको कोराडी, तिरोडा थर्मल पॉवर प्लाँट व इंडिया बुल्स पॉवर कंपनी नांदगांव पेठ को भी सीएसआर निधि से रकम देने की अपील करनी चाहिए, ऐसे निर्देश न्यायालय ने दिये है.
मेडिकल को दवा खरीदी करवाकर दो
मेडिकल अस्पताल को आवश्यक रहने वाली जीवनरक्षक दवा जिला नियोजन समिति व जिला खनिकर्म निधि से खरीदी कर दो, इस तरह के आदेश न्यायालय ने जिलाधिकारी को दिये है. इसके लिए अधिष्ठाताओं ने जिलाधिकारी को प्रस्ताव पेश करना है.
कोरोना मरीजों के केंद्रीकृत पोर्टल तैयार
जिले के अस्पताल में भर्ती रहने वाले कोरोना मरीजों का नाम, मोबाइल व आधार नंबर, उन्हें दिये गए दवाईयों के डोज, रेमडेसिविर व टोसिलीझुमाब इंजेक्शन के उपलब्धता की स्थिति आदि की जानकारी देने वाले केंद्रीकृत पोर्टल तैयार है. वह जल्द से जल्द शुुरु किये जाएंगे, इस तरह की जानकारी जिलाधिकारी ने न्यायालय को दी. इस पोर्टल से जीवनरक्षक दवाईयों की कालाबाजारी रोकते आयेेगी, इस तरह के विचार न्यायालय ने व्यक्त किये व जिले में कंट्रोल रुम स्थापन करने के लिए तत्काल कृति करने के निर्देश दिये.