प्रत्यक्ष शस्त्र नहीं चलाए तो भी हत्या में दोषी पाया जा सकता है
नागपुर हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय
नागपुर/प्रतिनिधि दि.४ – एक से ज्यादा आरोपियों ने समान उद्देश्य से किसी व्यक्ति की घातक हथियारों से हत्या की तो उसमें से प्रत्यक्ष हमला न करने वाले आरोपी भी इस मामले में दोषी साबित होते है, इस तरह का महत्वपूर्ण निर्णय मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने दिया है.
वर्धा स्थित वाघ्या व संदीप उके इन दो भाईयों ने पिंटू सानवणे इस युवक की हत्या की है. आरोपी संदीप ने स्वयं का बचाव करने के लिए पिंटू पर वाघ्या ने गुप्ति से वार करने का मुद्दा रखकर उसे (संदीप को) हत्या के मामले मेें दोषी नहीं ठहराया जा सकता है, ऐसा दावा किया था. हाईकोर्ट ने उसका दावा खारिज किया. पिंटू पर संदीप ने गुप्ती से वार नहीं किये, यह सही है, किंतु वाघ्या ने घर से गुप्ती लाने से पहले संदीप ने पिंटू को लातघुसो से पीटा था. उसकी भूमिका वहीं खत्म नहीं हुई. वाघ्या गुप्ती लाने तक वह पिंटू को पिटते रहा. पश्चात उसने पिंटू को पकड रखा और वाघ्याने ने गुप्ती से वार कर पिंटू की हत्या की. जिसपर दोनों का भी पिंटू की हत्या करने का उद्देश्य था, यह सिध्द होता है. जिससे संदीप ने प्रत्यक्ष गुप्ती से वार न करने पर भी वह कानून के समान उद्देश्य के तत्वों के अनुसार हत्या के मामले में दोषी होता है, ऐसा हाईकोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया. न्यायमूर्तिव्दय विनय देशपांडे व अमित बोरकर ने यह निर्णय दिया. 9 मई 2018 को सत्र न्यायालय ने हत्या के मामले में दोषी ठहराकर उम्रकैद की सजा सुनाने से इन आरोपियों ने हाईकोर्ट मेें अपील दाखिल की थी. हाईकोर्ट ने इस निर्णय व्दारा वह अपील खारीज कर आरोपी की सजा कायम रखी है.