विदर्भ

नागपूर खंडपीठ में कितने दिनों में होगी पदभरती? हाईकोर्ट की प्रधान सचिव ने पुछा

हायकोर्ट में हर वर्ष दाखिल होती है आठ हजार याचिका

30 वर्ष के बाद तीन हजार याचिका दाखिल होगी
नागपूर/दि.21– मुंबई हाईकोर्ट की नागपूर खंडपीठ तीस वर्ष पूर्व वर्ष भर में तीन हजार रिट याचिका, फौजदारी व अन्य याचिका दाखिल होगी. अब याचिका की संख्या में वृध्दि होकर हर वर्ष आठ हजार फौजदारी व अन्य याचिका दाखिल होने के लिए संख्या बढी है. ऐसे में नागपूर खंडपीठ में सरकारी वकिलों के कार्यालय में पुरा स्टाफ नहीं है. अभी तक रिक्त हुए पदों को भरे नहीं गए है. जिसके कारण सरकारी वकिलों पर काम का बोझ बढ गया है. इस ओर ध्यान देते हुए हाईकोर्ट ने विधी व न्याय विभाग के प्रधान सचिव से पुछा है कि नागपूर खंडपीठ में सरकारी कार्यालय में कितने दिनों में पदभरती की जाएगी. इस संदर्भ में क्या कर रहे है. सचिव ने अगले 5 मार्च तक उत्तर प्रस्तुत करने के आदेश दिए है. इस प्रकरण में न्यायमूर्ति नितीन सांबरे व न्यायमूर्ति अभय मंत्री के सामने सुनवाई हुई. स्वामिनी महिला बचतगट की अध्यक्ष सुशीला वानखडे ने दर्ज की गई रिट याचिका में हाईकोर्ट की ओर से यह आदेश पारित किया गया है. इस प्रकरण में अब आने वाली 5 मार्च को सुनवाई होगी. नागपूर खंडपीठ के सरकारी वकील के कार्यालय में में केवल 64 लॉ आफिसर्स व केवल दस स्टेनोग्राफर है. स्टेनोग्रफर की अनेक स्थान खाली पडे है. इस कारण से याचिकाएं अटक रही है. प्रलंबित हो रही है.

ऐसे मत हाईकोर्ट ने व्यक्त किए है. इस संदर्भ में विधी व न्याय विभाग को इस परेशानी बताई गई. सरकारी कार्यालय में बडी संख्या में स्टॉफ की भर्ती की जरुरत होने की जानकारी मंत्रालय में दी गई है. हमें पता नहीं क्या, प्रत्येक तारीख पर मैटर कोर्ट आगे आते है और लॉ ऑफिसर्स नोटीस स्वीकार करते है. कोर्ट में प्रलंबित प्रकरण की संख्या बढने के कारण लॉ आफिर्सस प्रकरण में असमर्थता ठहरती है. विधी व न्याय विभाग के सहसचिव को नागपूर सरकारी कार्यालय में कुल 76 विभिन्न रिक्तपदों को भरे, ऐसे निर्देश हाईकोर्ट के निर्देश पर दिए गए है. इस दौरान मंजूर पद 58 किए गए है. केवल 18 पदों को ठेका पध्दती से भरे गए है. सहसचिव ने हमी दी थी कि संपूर्ण श्रेणी चार की रिक्त पदों को भरा जाएगा. आठ महिने के पूर्व सुपरवायजर(सिनियर क्लर्क) यह स्थान एपीएससी व्दारा भरे जाएगे. ऐसे निर्देश दिए गए थे. मगर इस विषय पर कदम नहीं उठाए गए. नागपूर सरकारी कार्यालय में रिक्तपदों को भरने के लिए एमपीएससी के सचिव को जानकारी दे. ऐसे आदेश भी हाईकोर्ट ने दिए. इस प्रकरण में क्या कदम उठाए गए. क्या प्रगती हुई, इसके लिए आने वाले 1 मार्च तक सहसचिव प्रतिज्ञा पत्र प्रस्तुत करे, ऐसे आदेश भी हाईकोर्ट ने दिए है. नागपूर खंडपीठ की तरह ही मुंबई व औरंगाबाद खंडपीठ में सरकारी वकीलों के कार्यालय में यही परिस्थिती है. हाल की स्थिती में काम का बोझ देखते हुए नागपूर सरकारी कार्यालय में 7 अतिरिक्त स्टेनोग्राफर के पद भरने की जरुरत है. स्टाफ के कमतरता के कारण दिनों दिन प्रलंबित प्रकरण की संख्या में वृध्दि हो रही है. इस संदर्भ में कमी पुरी करने के लिए विधी व न्याय विभाग के प्रधान सचिव ने सरकारी वकील व एडवोकेट जनरल के साथ एक बैठक बुलाई है. प्रधान सचिव को आने वाले 30 अप्रेल तक प्रतिज्ञा पत्र दाखिल करे. सुशीला वानखडे की तरफ से एड. ए. सी.धर्माधिकारी, सरकार की तरफ से एड. दीपक ठाकरे ने अपना पक्ष रखा.

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