‘शोधगंगा’ में पहले १० विद्यापीठ में राज्य का एक ही विद्यापीठ
पुणे विद्यापीठ का सबसे अधिक योगदान, विदर्भ पिछड़ा ही
नागपुर दि. १४ – विद्यापीठ अनुदान आयोग के निर्देशांनुसार ‘शोधगंगा’ इस संकेतस्थल पर विविध विद्यापीठ की ओर से पीएचडी प्रबंध अपलोड करने के संबंध में योगदान दिया जा रहा है. परंतु महाराष्ट्र की विद्यापीठ में इस संबंध में कुछ उदासीनता दिखाई दे रही है. सबसे अधिक योगदान देनेवाले पहले १० विद्यापीठ में सावित्रीबाई फूले पुणे विद्यापीठ इस राज्य में केवल एक ही विद्यापीठ का समावेश है.
भारत के सभी विद्यापीठ के संशोधको की अंतिम संशोधन रिपोर्ट एक ही जगह पर उपलब्ध है. नये संशोधको द्वारा संशोधन की समानता टाली जा सके. उन्हें प्रबंध संबंध में मार्गदर्शन मिले व सभी महत्वपूर्ण यानी प्लॅगरिझम (साहित्य उचल) रोके इसके लिए विद्यापीठ अनुदान आयेाग की ओर से ‘शोधगंगा ’ व शोधगंगोत्री यह प्रकल्प शुरू किया गया. आयोग के दिशानिर्देशानुसार प्रत्येक विद्यापीठ को ‘पीएचडी’ प्रबंध में अपलोड करने के लिए भेजना अनिवार्य है.
२०१० के बाद विविध विद्यापीठ ने ‘इन्फ्टिबनेट’ के साथ सामंजस्य करार किया. परंतु प्रत्यक्ष मेें कुछ विद्यापीठ ने ही नियमितरूप से पीएचडी प्राप्त उम्मीदवार का प्रबंध भेजना शुरू रखा है. मद्रास विद्यापीठ का ‘शोधगंगा’ पर सबसे अधिक १३ हजार ३१ पीएचडी प्रबंध है. अभी तक देश के ३ लाख ३५ हजार ११० पीएचडी प्रबंध ‘शोधगंगा’ पर है. उसमें महाराष्ट्र के पारंपरिक विद्यापीठ का योगदान २८ हजार ९६९ (८.३६ प्रतिशत) है. सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ की ओर से अभी तक ११ हजार ३४१ प्रबंध का योगदान दिया गया है. उसके साथ साथ डॉ. बाबासाहब आंबेडकर मराठवाडा विद्यापीठ का समावेश है. इस सूची में स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाडाा विद्यापीठ के ४ हजार ४९० तीसरा स्थान आता है.
* विद्यापीठ-अपलोड हुए पीएचडी प्रबंध
– सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ- ११,३४१
-डॉ.बाबासाहब आंबेडकर मराठवाडा विद्यापीठ-५,२३५
– स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाडा विद्यापीठ-४,४९०
– शिवाजी विद्यापीठ, कोल्हापुर- ४,२७८
-एसएनडीटी महिला विद्यापीठ-१,१५९
– संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ-१,०३४
-कवयित्री बहिणाबाई चौधरी उत्तर महाराष्ट्र विद्यापीठ –
– मुंबई विद्यापीठ-५६४
-पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर सोलापुर विद्यापीठ-२०६
-गोंडवाणा विद्यापीठ-५६
-राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ-२
* नागपुर विद्यापीठ तलाशी
राज्य की अन्य विद्यापीठ की तुलना में विदर्भ की विद्यापीठ पिछडी हुई दिखाई देती है. नागपुर विद्यापीठ के सबसे कम दो पीएचडी प्रबंध ‘शोधगंगा’ पर है. राज्य की यह सबसे कम संख्या है. संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के १ हजार ३४ व गोंडवाना विद्यापीठ की ओर से ५६ पीएचडी प्रबंधों का योगदान दिया गया है.