कोरोना से मृत शिक्षकों के वारिसों को शासकीय सेवा में समाविष्ट करे
राज्य प्राथमिक शिक्षा समिति की मांग
वर्धा/प्रतिनिधि दि.२८ – कोरोना में ड्युटी निभाते समय कोरोना बाधित होने से मृत हुए शिक्षक व कर्मचारियों के वारिसों को अनुकंप तत्वों पर नियुक्ति की लंबी राह न देखनी पडे विशेष बाब के तौर पर उन्हें तत्काल शासकीय निमशासकीय सेवा में नियुक्ति दे, इस तरह की मांग महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति ने सरकार से की है.
कोरोना प्रतिबंधात्मक उपाय अंतर्गत राज्य के शासकीय, निमशासकीय शिक्षक, कर्मचारियों की सेवा कोविड विषयक विविध कार्यों के लिए अधिग्रहीत की गई है. पिछले एक साल से राज्य के शासकीय, निमशासकीय, विविध संवर्गीय कर्मचारी और शिक्षक लगातार कोविड संदर्भ में कर्तव्य निभा रहे हेै. कर्तव्य निभाते समय अनेक शिक्षक, कर्मचारियों को कोरोना की बाधा हुई है, कुछ को जान भी गवानी पडी है, ऐसे शिक्षक, कर्मचारियों के लिए सरकार ने 50 लाख का सानुग्रह सहाय बीमा कवच लागू किया है. किंतु उनके परिवार पर इस अकाली आघात के चलते शिक्षक, कर्मचारियों पर निर्भर रहने वाला परिवार आज निराधार हुआ है. इस कारण सानुग्रह सहाय यह एकमात्र मदत नहीं हो सकती. राज्य में सेवा में रहने वाले शिक्षक, कर्मचारियों की मृत्यु के बाद उनके वारिसों को अनुकंप तत्वों पर सेवा में समाविष्ट किया जाता है. अनुकंपा योजना में समाविष्ट होने के लिए उन्हें लंबे समय तक इंतजार करना पडता है, लेकिन कोविड कर्तव्य निभाते समय मृत हुए शिक्षक, कर्मचारियों के वारिसों को तत्काल उनके शैक्षणिक अर्हता के अनुसार शासकीय, निमशासकीय सेवा में ज्वाईन कर लेना चाहिए, इस तरह की मांग महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति के प्रदेशाध्यक्ष उदय शिंदे, राज्य महासचिव विजय कोंबे ने मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे, उपमुुख्यमंत्री अजित पवार, मुख्य सचिव सिताराम कुंटे आदि को भेजे पत्र से की है.