विदर्भ

इंडियन ऑईल के बिक्री अधिकारी सीबीआई के शिकंजे में

एक ही दिन नागपुर और गोंदिया में कार्रवाई

नागपुर/ दि.26– प्रति 1 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप पर सीबीआई ने एक ही दिन नागपुर और गोंदिया में दो स्वतंत्र अपराध दर्ज कर इंडियन ऑईल कार्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया. शुक्रवार को सीबीआई ने की कार्रवाई के कारण आईओसीएल में खलबली मच गई है.
गोंदिया जिले के खाडिपार, गोरेगांव स्थित मिरा पेट्रोल पंप के मालिक को पंप पर जरुरी स्टॉक उपलब्ध कराने के लिए दूसरे ऐसे ही एक आईओसीएल के बिक्री अधिकारी सुनील गोलार ने 1 लाख रुपए की रिश्वत मांगी. पंप संचालक ने सीबीआई के वरिष्ठ अधिक्षक सलीम खान के पास शिकायत दी. शिकायत की तस्सली करना शुरु था, ऐसे में दूसरी ही ऐसी ही शिकायत गोंदिया गोरेगांव के आकाश अशोक चौधरी ने सीबीआई से की. इन दोनों शिकायत सही होने की तस्सली करने के बाद अधिक्षक सलीम खान ने गुरुवार की रात इस मामले में दो स्वतंत्र अपराध दर्ज किये. इसके बाद दो अलग अलग दल तैयार कर एक दल ने गोंदिया में गोलार के खिलाफ और दूसरे दल ने नागपुर में कार्रवाई कर आईओसीएल के महाव्यवस्थापक एन.पी.रोडगे और मुख्य व्यवस्थापक मनिष नंदले इन दोनों को 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए सीबीआई के अधिकारियों ने रंगे हाथों धर दबोचा.

ए-वन और ए-टू था कोड
आरोपी अधिकारी रिश्वत लेते समय कोडवर्ड का उपयोग कर रहे थे. रोडगे ए-वन नाम से और नंदले ए-टू नाम से कोडवर्ड उपयोग कर रहे थे. रिश्वत लेकर गए व्यक्ति को रोडगे ने वह रकम ए-टू को देने का ेेकहा. उनका यह सभी काडेवर्ड का लेनदेन सीबीआई ने पहले ही रिकॉर्ड किया था. इसके कारण उन्हें रिश्वत स्वीकारते समय पकडने में किसी भी तरह की परेशान नहीं हुई.

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