विदर्भ

ग्रामीण भारत के अर्थचक्र के लिए हर गांव में उद्योग- गडकरी

एमएसएमई के अनिवासी भारतीय उद्योजकों से साधा संवाद

नागपुर/दि.30 – आयात में भारतीय पर्याय निर्माण करना जरुरी है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मजबूतीकरण के लिए हर गांव में दो से तीन उद्योग शुरु करने का अपना प्रयास रहेगा, इस तरह का मानस केंद्रीय भुतल परिवहन व जहाजरानी मंत्री नितीन गडकरी ने व्यक्त किया है.
एमएसएमई के अनिवासी भारतीय उद्योजकों के साथ उन्होंने व्हीसी के माध्यम से संवाद साधा. इस समय गडकरी बोल रहे थे. एमएसएमई यह देश की अर्थव्यवस्था की जड है. सकल राष्ट्रीय उत्पन्न में एमएसएमई का सहभाग 30 प्रतिशत, 48 प्रतिशत निर्यात व 11 करोड रोजगार निर्मिति इस विभाग ने की है. कृषि ग्रामीण, आदिवासी क्षेत्र में उद्योगों का विकास हुआ तो भी रोजगार निर्मिति होगी और वार्षिक राष्ट्रीय उत्पन्न में वृध्दि होेगी. गाय के खाद से निर्माण होने वाले पेंट का उद्योग हर गांव में शुरु होना चाहिए. केवल 12 लाख रुपयों में यह उद्योग शुरु होता है. इन उद्योगों के लिए प्रशिक्षण शुरु हुआ है. गांव में उपलब्ध रहने वाले कच्चे माल से आधारित उद्योग शुुरु होने चाहिए, इसके लिए एमएसएमई के माध्यम से प्रयास शुरु रहने की बात गडकरी ने कही. गांव-गांव में आदिवासी, वनवासी क्षेत्र में, पिछडे हिस्से में नये उद्योग शुरु हुए तो अच्छी अर्थव्यवस्था निर्माण होगी. आत्मनिर्भर भारत यानी गांव का विकास, किसानों का विकास, उद्योगों को बढावा, रोजगार का निर्माण, आयात पर नियंत्रण, निर्यात वृध्दि यह संकल्पना है. जो साहित्य हमें अन्य देशों से आयात करना पडता है. वह तैयार करने के लिए देश में सभी प्रकार का कच्चा माल उपलब्ध रहते समय हम वह उत्पादन यहां तैयार कर आत्मनिर्भर क्यों न होना, इस तरह का प्रश्न भी उन्होंने उपस्थित किया. इथेनॉल, बायोइथेनॉल, सीएनजी, एलएनजी, सौर ऊर्जा इस तरह जैविक इंधन का इस्तेमाल कर 8 लाख करोड के कच्चे तेल की आयात कम कर सकते है, ऐसा भी गडकरी ने कहा.

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