विदर्भ

अपात्र कंपनियों को टीईटी परीक्षा का जिम्मा कैसे

डेप्युटी सीएम फडणवीस ने दिये जांच के आदेश

नागपुर/ दि.29 – टीईटी परीक्षा लेने हेतु अपात्र रहने वाली कंपनियों को यदि पात्र नहीं किया जाता, तो शायद टीईटी परीक्षा घोटाला ही नहीं होता. ऐसे में अपात्र कंपनियों को पात्र करते हुए घोटाला किसने किया, इसकी उच्च स्तरीय जांच की जाएगी, इस आशय की घोषणा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की. साथ ही कहा कि, जांच में दोषी पाये जाने वाले लोगों के खिलाफ कडी कार्रवाई की जाएगी.
गत रोज विधायक संजय कुटे ने विधानसभा में टीईटी परीक्षा के दौरान हुई गडबडियों का मुद्दा उपस्थित किया. जिस पर जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उपरोक्त प्रतिपादन करने के साथ ही कहा कि, मंत्री अब्दुल सत्तार की बेटी को टीईटी अंतर्गत शिक्षक की नौकरी नहीं मिली है. इस बात को लेकर टीईटी व शिक्षा आयुक्त ने उसी समय स्पष्टीकरण भी दे दिया था. अत: अब उस विषय को लेकर हंगामा मचाने का कोई औचित्य नहीं है.

विपक्ष ने किया सभा त्याग
टीईटी घोटाले से संबंधित लिखित प्रश्न से सत्तार की बेटी से संबंधित प्रश्न को हटा दिये जाने के चलते इस प्रश्न को विगत सप्ताह से रोककर रखा गया था. पश्चात नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने जानना चाहा कि, इस प्रश्न को बुधवार के कामकाज में शामिल क्यों नहीं किया गया. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि, मंत्री व्दारा खुद अपने परिवार को अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए आर्थिक लाभ वाले पदों पर नियुक्ति दी जा रही है और सरकार इसका बचाव कर रही है, यह आरोप लगाने के साथ ही विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया.

झूठे आरोप लगाने वालों को हम छोडेंगे नहीं
विपक्ष व्दारा किये गए बहिर्गमन से संतप्त होकर उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि, विपक्ष ने किसी भी मंत्री पर आरोप लगाकर सभा त्याग करने का सिलसिला शुरु कर दिया है, लेकिन हम उन्हें हर बात का पूरा जवाब देंगे और झूठे आरोप लगाने वालों को हम छोडेंगे नहीं.

 

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