हिंगोली/दि.23 – राज्य में जलयुक्त शिवार अभियान अंतर्गत वर्ष 2017-18 आर्थिक वर्ष में हुए 1253 करोड खर्च के स्पष्टीकरण सहित जानकारी प्रस्तुत करने के आदेश राज्य के जलसंधारण विभाग ने राज्य के सभी जिलाधिकारी कार्यालयों को दिये है. जिसके चलते अब प्रशासन की ओर से जानकारी संकलित करने के लिए भागमभाग आरंभ हुई है.
राज्य में जलयुक्त शिवार अभियान अंतर्गत कृषि विभाग, जलसंधारण विभाग, वन विभाग, ग्रामीण जलापूर्ति विभाग सहित अन्य यंत्रणाओं ने काम किये है. इनमें से भूजलस्तर बढाकर संग्रहीत पानी का सिंचाई के लिए उपयोग किये जाने का लक्ष्य था, इसी दरमियान राज्य में वर्ष 2017-18 आर्थिक वर्ष में 1253 करोड रुपये खर्च किये गए है. इस खर्च का विवरण मांगा गया था. इसके बाद महालेखा परीक्षक कार्यालय की ओर से परिक्षण भी किया गया. इसमें महालेखा परिक्षक कार्यालय ने कुछ जिलों में कम-अधिक खर्चों के अलावा बचत पर भी आपत्ती दर्ज कराई है. जिसके तहत जानकारी जलसंधारण विभाग को मांगी गई है. राज्य सहित 6 विभागों के 34 जिलों में इस वर्ष विशेष निधि वितरित किया गया है. इनमें कोकण विभाग 39.62 करोड, पुणे 218.6 करोड, नाशिक 181.45 करोड, औरंगाबाद 367.43 करोड, अमरावती 282.76 करोड व नागपुर विभाग के लिए 164.63 करोड रुपयों का समावेश है. 27 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2018 की अवधि में 7 मर्तबा निधि दिया गया है.