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टाकरखेडा पूर्णा गांव में 150 जानवरों की जिंदगी खतरे में
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गलत इंजेक्शन लगाये जाने से जानवरों की हालत बिगडी
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31 पशुपालकों ने दर्ज करायी शिकायत, आंदोलन की चेतावनी
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विधायक बच्चु कडू ने जारी किये जांच के आदेश
चांदूर बाजार/दि.14 – इस समय जानवरों पर लं पी स्कीन डीसीज नामक वायरस से होनेवाली बीमारी का खतरा मंडरा रहा है. जिसके चलते पशुपालकों में अच्छी-खासी चिंता की लहर है. वही दूसरी ओर पशु संवर्धन विभाग द्वारा इस बीमारी के संक्रमण को रोकने हेतु जानवरों को प्रतिबंधात्मक वैक्सीन लगाये जाने का अभियान शुरू किया गया है, ताकि जानवरों को इस वायरस के संक्रमण से बचाने के साथ ही उनकी जान भी बचाई जा सके. किंतु तहसील के टाकरखेडा पूर्णा में पशु वैद्यकीय अधिकारियों व कर्मचारियों की इस काम में भी अक्षम्य लापरवाही सामने आयी है. जिसके मुताबिक करीब 150 जानवरों को लंपी वायरस प्रतिबंधात्मक वैक्सीन के नाम पर गर्भ निरोधक टीका लगा दिया गया. जिससे कई जानवरों की तबियत बिगड गई और गलत टीकाकरण के परिणाम के तौर पर कई जानवरों का खाना-पीना छूट गया है. ऐसे में क्षेत्र के 31 पशुपालकों ने इस बारे में शिकायत करते हुए आंदोलन करने की चेतावनी दी है. साथ ही पूरे मामले की जानकारी मिलते ही क्षेत्र के विधायक बच्चु कडू ने पशुधन विभाग के आयुक्त से चर्चा करते हुए मामले की सघन जांच करने के आदेश जारी किये है.
टाकरखेडा पूर्णा में यह मामला मंगलवार को उजागर हुआ. जिसके तहत पता चला कि, जानवरों को लंपी प्रतिबंधात्मक वैक्सीन देने की बजाय गर्भ निरोधक टीका लगाये जाने के चलते दो गायों का गर्भपात हो गया. साथ ही अन्य जानवरों के स्वास्थ्य पर भी इसका दुष्परिणाम दिखाई देने लगा. इसके अलावा नि:शुल्क टीकाकरण रहने के बावजूद आसेगांव के पशु वैद्यकीय अधिकारी डॉ. पुरूषोत्तम सातव ने टीकाकरण के लिए प्रति जानवर 10 रूपये का शुल्क लिया और शुल्क लेने के बावजूद करीब 150 जानवरों को गलत टीका भी लगाया. इसकी जानकारी सामने आते ही क्षेत्र के पशुपालकों और किसानों में पशु वैद्यकीय अधिकारी के खिलाफ अच्छा-खासा असंतोष व्याप्त हो गया तथा क्षेत्र के पशुपालकों ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराते हुए डॉ. पुरूषोत्तम सातव के खिलाफ कारवाई करने की मांग उठाई. अन्यथा आसेगांव में रास्ता रोको आंदोलन करने की चेतावनी दी. इसके साथ ही पशुपालक संगठन के रवि पाटील द्वारा पूरे मामले की जानकारी से क्षेत्र के विधायक बच्चु कडू को अवगत कराया गया और विधायक बच्चु कडू ने पूरे मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए इस बारे में पशु संवर्धन विभाग के आयुक्त से चर्चा की और उन्हें इस मामले की सघन जांच करने का निर्देश दिया.