विदर्भ

वॉकीटॉकी का उपयोग कर अंतरराज्यीय गिरोह ने की 21 घरों में चोरी

फिल्मी स्टाईल में गिरफ्तार

* उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में दिया चोरी की घटनाओं को अंजाम
नागपुर/ दि.12 – घुमने के लिए महंगी कार, उपर से शहर के सीसीटीवी की पूरी जानकारी पुलिस को लोकेशन पता न चले, इसलिए गिरोह के सदस्य के साथ संपर्क साधन हेतू वॉकीटॉकी, ताला तोडने के लिए स्वयं तैयार किये उपकरण ऐसे हाईटेक तरीके से घरों में चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का अपराध शाखा पुलिस ने फिल्मी स्टाईल में पर्दाफाश किया है.केवल महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान में चोरी की घटनाओं को अंजाम देने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के पास से कार समेत 10 लाख रुपयों का माल बरामद किया गया.
इस गिरोह के कुख्यात चोरों ने 21 घरों में चोरी करने की बात कबुल कर ली हेै. अनुप श्रीगुणारायण सिंग (36), अभिषेख राजूसिंग (29), अमित ओमप्रकाश सिंग (34, सभी भोपाल, मध्यप्रदेश) व इमरान अल्वी उर्फ इशाक अल्वी (34, हापोड, उत्तरप्रदेश) यह गिरफ्तार किये कुख्यात चोर गिरोह सदस्यों के नाम हैं. इस गिरोह ने 26 जून को नागपुर शहर में 4 से 5 जगह चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया. एपीआई मयुर चौरसीया पिछले सप्ताहभर से सीसीटीवी की जानकारी हासिल कर रहे थे. जिसमें आरोपी कार में बैठकर दूसरे राज्य में जाते समय कई बार नंबर प्लेट बदलते है.
ऐसी जानकारी पुलिस को मिली. इसके बाद पुलिस ने उस गिरोह के कार की खोज की. वह गिरोह शनिवार की दोपहर काटोल नाके से जानेवाला है. ऐसी जानकारी मिलने पर पुलिस ने जाल बिछाकर उनकी कार रोकी. परंतु आरोपियों ने पुलिस के वाहन को टक्कर मारकर वहां से भागने का प्रयास किया, मगर चारों को चारों ओर से घेर लिया गया. जिसके कारण वह सफल नहीं हो पाये. पुलिस ने कार का कांच खोलने को कहा, मगर आरोपियों ने प्रतिसाद नहीं दिया, इस वक्त पुलिस ने कांच फोडकर आरोपियों को बाहर निकाला. इस गिरोह के सदस्यों ने नागपुर में 10 और अन्य राज्यों में 11 घरों में चोरी करने की बात कबुल की. उपायुक्त चिन्मय पंडीत के मार्गदर्शन में एपीआई मयुर चौरसिया, राजेश देशमुख, प्रशात गभणे, नरेंद्र ठाकुर, रवि अहिर, प्रवीण रोडे, सुधीर पवार आदि ने यह कार्रवाई की.

वॉकीटॉकी का उपयोग
आरोपियों का पता लगाने के लिए पुलिस इलेक्ट्रॉनिक सर्वेलन्स की सहायता लेती है, यह अनुप को पता था. इसके कारण वह अपराध करने की जगह मोबाइल का उपयोग नहीं करता था. वॉकीटॉकी के माध्यम से वे एकदूसरे से संवाद साधते थे. उनके पास 4 वायरलेस सिस्टम है. शहर पुलिस ने पहली बार ही ऐसे गिरोह के पास से वॉकीटॉकी बरामद की है.

कार नंबर प्लेट बदलकर सफर
तडके और रात के समय पुलिस गश्त पर रहती है, ऐसी जानकारी होने के कारण गिरोह के सदस्य सुबह 6 से शाम 6 बजे के बीच ही चोरी की घटना को अंजाम देते है. टोल नाके पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद न हो इसके कारण गिरोह के सदस्य कार की नंबर प्लेट बदल लेते थे. इसके कारण नंबर के आधार पर गाडी की खोज करने वाली पुलिस उन्हें पकडने में नाकाम हो जाती थी. आरोपियों की कार से 6 नंबर प्लेट और 0 से 9 अंक के क्रमांक मिले है.

अनुप सिंग विदेशी लडकियों पर उडाता था रुपए
अनुप सिंग को विदेशी लडकियों का शौक है. चोरी के रुपए मिलने के बाद वह हर बार दिल्ली-गुडगांव जाता था. वहां रिसोर्ड या क्लब बुक कर विदेशी लडकियों के साथ समय बिताता था. कई विदेशी लडकियां उसके नियमित संपर्क में रहती है.

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