विदर्भ

सभी कार्यालयों में आंतरिक महिला शिकायत निवारण समिति अनिवार्य

राज्य महिला आयोग सदस्य आभा पांडे के निर्देश

नागपुर/दि.10-रोजमर्रा के जीवन में महिलाओं पर यौन अत्याचार का प्रमाण बढ रहा है. इस पर प्रभावी रुप से प्रतिबंध लगाने के लिए सरकारी व अर्धसरकारी विभागों में आंतरिक महिला शिकायत निवारण समिति आवश्यक है, यह निर्देश सरकार ने दिए है. जिले के सभी कार्यालयों में यह समिति जल्द से जल्द गठित की जाए, अन्यथा कार्यालय प्रमुखों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, यह चेतावनी महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की सदस्य आभा पांडे ने दी है. कार्यस्थल पर महिला प्रताडना अधिनियम 2013 संदर्भ समीक्षा बैठक जिलाधिकारी कार्यालय के बचत भवन में हुई. इस बैठक में अपर जिलाधिकारी आशा पठाण, महिला व बाल विकास विभाग की विभागीय आयुक्त डॉ.अपर्णा कोल्हे, जिला महिला व बाल विकास अधिकारी भारती मानकर सहित सभी विभाग के प्रमुख मौजूद रहे. कार्यस्थल पर महिलाओं होने वाले अत्याचार पर प्रतिबंध लगाने के लिए आंतरिक शिकायत समिति की स्थापित करना यह उद्देश्य है. जिन कार्यालय प्रमुखों ने अब तक समिति गठात नहीं की, वे जल्द से जल्द समिति गठित करें, अन्यथा उनपर दंडात्मक कार्रवाई के तौर पर 50 हजार रुपए का जुर्माना वसुल किया जाएगा, यह बात आभा पांडे ने की. इस समिति के अध्यक्ष पद का कार्यकाल तीन साल का रहेगा. अध्यक्ष का अन्य स्थान पर तबादला होनेपर पुनर्गठन किया जाएगा. 10 कर्मचारी अथवा अधिक होंगे तो वहां पर यह समिति गठित करना है. 10 से कम कर्मचारी रहने वाले कार्यालय जिलास्तरीय स्थानीय शिकायत निवारण समिति अंतर्गत आएंगे, यह जानकारी भारती मानकर ने दी. इस समय सभी कार्यालयों की समिति की समीक्षा की गई.

 

Related Articles

Back to top button