विदर्भ

सीमेंट सड़क बनाने के लिए पर्यावरण विभाग की अनुमति आवश्यक है क्या?

१४ सितंबर तक जवाब देने के निर्देश

नागपुर प्रतिनिधि/दि.२६. – राज्य में चहुंओर सीमेंट सड़क बनायी जा रही है. लेकिन इसके विविध दुष्परिणाम दिखाई दे रहे है. मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ (Nagpur Bench of Mumbai High Court) के यह बात ध्यान में आने पर सीमेंट रोड बनाने के लिए पर्यावरण मंत्रालय अथवा पर्यावरण से संबंधित अन्य सक्षम प्राधिकरण की अनुमति आवश्यक है क्या इस बारे में राज्य सरकार से पूछताछ की है. इसके अलावा १४ सितंबर तक जवाब देने के आदेश दिए है. इतना ही नहीं तो भूजल स्तर बढ़ाने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग जरूरी है. इसीलिए सीमेंट रोड बनाते समय उपाययोजना करने के लिए प्रावधान किया गया है क्या और सीमेंट रोड बनाने के लिए कौनसे नियम लागू किए गए है. इसकी जवाब भी न्यायालय ने सरकार से मांगा है. इसके अलावा जवाब के साथ नियम व मार्गदर्शक तत्वों के दस्तावेज जोडऩे के निर्देश भी दिए गए. गोंदिया जिला परिषद ने १४ नए सीमेंट रोड के कार्यों को मंजूरी दी गई है. जिसके विरोध में सदस्य सूरजलाल महारवाडे ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की है. जिसमें न्यायालय ने सीमेंट सड़क का मुद्दा उठाया. याचिका पर न्यायाधीश झेड.ए. हक व अनिल किलोर के समक्ष सुनवायी ली गई. याचिकाकर्ता की ओर से एड. आदिल मिर्जा व पूनम मून ने कामकाज संभाला.

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