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मृत करदाता को टैक्स की नोटीस देना गैरकानूनी

हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ का फैसला

नागपुर/दि.18– मृत करदाता को टैक्स का नोटीस देना गैरकानूनी है. ऐसी नोटीस को लागू नहीं किया जा सकता, यह महत्वपूर्ण फैसला मुंबई हाईकोर्ट के नागपुर खंडपीठ ने एक मामले में दिया है. इस मामले पर न्यायूर्तिद्वय अतुल चांदूरकर व वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई.
नागपुर के घोगली निवासी वासुदेव जांभुलकर का 8 जुलाई 2020 को निधन हो गया. इसके पूर्व उन्होंने 31 अगस्त 2018 को 2016-17 का रिटर्न भरा था. इसके लिए 5 लाख 57 हजार 90 रुपए टैक्सयोग्य आय दिखाई थी. खेत बिक्री से मिली 9 करोड 31 जाख 12 हजार 500 रुपए की रकम का उन्होंने रिटर्न में उल्लेख नहीं किया. उस दौरान टैक्स विभाग ने वह रिटर्न मंजूर किया था. इसके बाद आयकर उपायुक्त ने अचानक 31 मार्च 2021 को जांभुलकर को टैक्स कानून की धारा 148 के तहत नोटीस दिया था. 2016-17 के आयकर रिटर्न में खेत बिक्री से मिले 9 करोड 31 लाख 12 हजार 500 रुपए की आय दिखा नही पाए. इसलिए 30 दिनों में नया रिटर्न फाइल करो, ऐसे निर्देश जांभुलकर को इस नोटीस द्वारा दिया गया. लेकिन इसके पूर्व ही जांभुलकर का निधन हो गया. इसलिए हाईकोर्ट ने विविध कानूनी प्रक्रिया को देखते हुए यह विवादित नोटीस और इसके संबंधित सभी कार्रवाई रद्द कर दी.

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