विदर्भ

पहला विवाह कायम रहते दूसरी शादी करना अवैध

नागपुर/दि.20 – पहला विवाह कायम रहने वाले व्यक्ति के साथ दूसरा विवाह करना अवैध है, ऐसा निर्णय मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ के न्यायमूर्तिद्वय अतुल चांदूरकर व गोविंद सानप ने एक प्रकरण में दिया.
इस मामले के पति राजू 66 वर्ष का होकर दूसरी पत्नी राणी 44 वर्ष की (दोनों नाम काल्पनिक) है. राजू का पहला विवाह 1990 में हुआ था. दरमियान मतभेद के कारण राजू व उसकी पहली पत्नी अलग हो गए. रानी के दावेनुसार वह राजू के संपर्क में आने के बाद दोनों ने 16 अगस्त 2003 को विवाह किया और वे पति-पत्नी की तरह एक साथ रहने लगे. राजू ने पहला विवाह छुपाकर रखा था. इस बारे में जानकारी मिलने के बाद रानी ने पहली पत्नी को तलाक देने का आग्रह किया. जिसके चलते राजू ने 2009 में पहली पत्नी को तलाक दिया. आगे रानी ने राजू को 50 हजार रुपए नहीं दिए, इसलिए वह घर छोड़कर निकल गया. इसलिए रानी ने राजू के साथ रहने के लिए व खावटी के लिए शुरुआत में परिवार न्यायालय में याचिका दाखल की थी. 16 जनवरी 2012 को वह याचिका खारिज कर दी गई. परिणामस्वरुप उसने उच्च न्यायालय में अपील दाखल की थी. उच्च न्यायालय ने यह निर्णय देकर उसकी अपील भी खारिज कर दी.

पति प्रतिष्ठित व्यक्ति

पति ने वह स्कूल संचालक, उच्च शिक्षित व समाज में प्रतिष्ठित व्यक्ति होने की जानकारी न्यायालय को देकर रानी के सभी आरोप अमान्य किए. रानी को मालमत्ता हड़पकर आरामदायक जीवन जीना है. इस कारण वह संबंध जोड़ने का प्रयास कर रही है. इसके लिए उसने एक बार स्वयं को जलाने का प्रयास किया था. इस ओर उच्च न्यायालय का ध्यानाकर्षित किया गया.

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