विदर्भ

शासकीय कर्मचारी व अधिकारियों को मुख्यालय पर रहना अनिवार्य

अन्यथा घर का किराया भत्ता बंद

नागपुर /दि. 20– तबादले के बाद नियुक्त किए गए कार्यालय में न रहनेवाले शासकीय अधिकारी व कर्मचारी तथा राज्य के वैद्यकीय महाविद्यालयों के डॉक्टरों का घर का किराया भत्ता बंद कर दिया जाएगा, ऐसे संकेत मंत्री शंभुराज देसाई ने दिए है. साथ ही हर तीन साल में तबादले का निर्णय भी लागू रहेगा, ऐसा उन्होंने स्पष्ट किया.
विधान परिषद में तबादलों को लेकर विधेयक रखा गया. जिसमें सदस्यों ने अपनी राय रखी. राज्य के वैद्यकीय महाविद्यालय के डॉक्टरों का हर तीन साल में तबादला किया जाए तथा जिस जगह पर उनका तबादला किया गया है वहां अगर वे रहते नहीं है तो उनका किराया भत्ता बंद किए जाने की मांग की गई. इस समय कुछ सदस्यों ने सरकारी कर्मचारी अनेक बार तबादले के बाद मुख्यालय पर नहीं रहते. वे 50 से 60 किलोमीटर की दूरी से मुख्यालय अप-डाऊन करते है. ऐसे अधिकारी और कर्मचारियों का किराया भत्ता तत्काल बंद कर दिए जाने के साथ जो बीमारी से जूझ रहे कर्मचारियों के विनती तबादलों को लेकर कानून लागू कर उस पर अमल किया जाए, ऐसी सूचना विधान परिषद में राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता विधायक एकनाथ खडसे ने दी.
वैद्यकीय महाविद्यालय से संलग्न अस्पतालों में सेवा देनेवाले वैद्यकीय डॉक्टर निजी अस्पतालो में ज्यादा ध्यान देते है. इस ओर विधान परिषद सदस्य कृपाल तुमाने ने लक्ष्य साधकर अनेक डॉक्टर व वैद्यकीय शिक्षक दोपहर के बाद अपने निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करते है. जिसकी वजह से शासकीय अस्पताल में आनेवाले मरीजों को परेशानी होती है. मरीजों की परेशानी को देखते हुए शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय में भी केंद्र की तर्ज पर हर तीन साल में तबादले का नियम लागू किया जाए, ऐसी सूचना दी. महामंडल राज्य शासन का भाग है. उसमें भी तबादलों का कानून लागू है. मनमाने तरीके से किसी को भी समयावधि बढाकर नहीं मिल सकती. उन्हें नियुक्ती की गई जगह पर ही रहना होगा अन्यथा घर किराया भत्ता बंद किए जाने का विचार किया जा सकता है, ऐसा विधान परिषद में मंत्री शंभुराज देसाई ने स्पष्ट किया.

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