विदर्भ

प्रकृति की सुरक्षा करना हम सभी का कर्तव्य

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का प्रतिपादन

नागपुर/दि.३०– राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने प्रकृति के संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि इसकी देखभाल होनी चाहिए और केवल उपभोग नहीं होना चाहिए जैसा कि आज के समय हो रहा है. वे रविवार को हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउंडेशन द्वारा ‘प्रकृति दिन’ मनाने के अवसर पर डिजिटल तरीके से एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. भागवन भागवत ने प्रकृति को अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा मानने वाले हमारे पूर्वजों द्वारा अपनायी गयी

  • जीवन-शैली पर जोर दिया.

उन्होंने कहा कि लोग मानते हैं कि प्रकृति उनके उपभोग के लिए है तथा उसके प्रति उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है . भागवत ने कहा हम पिछले 200 से 250 साल से इस तरह रह रहे हैं और इसके बुरे प्रभाव और नतीजे अब हमारे सामने आ रहे हैं. अगर यह सब चलता रहा तो ना तो हम ना ही यह दुनिया बचेगी.
भागवत ने कहा कि इसके समाधान के लिए पर्यावरण दिन मनाने का विचार सामने आया. उन्होंने कहा, हमारे जीने का तरीका यह था कि सबका सम्मान किया जाता था, लेकिन हम दुनिया की जीवन शैली से भ्रमित हो गए. इसलिए आज हमें पर्यावरण दिवस मनाते हुए यह याद करना होगा.
‘नाग पंचमी’, ‘गोवर्धन पूजा’, ‘तुलसी विवाह’ का जिक्र करते हुए भागवत ने कहा कि इन सभी संस्कारों को निभाना चाहिए और नयी पीढी भी जानेगी कि हम प्रकृति का हिस्सा हैं और हमें प्रकृति की देखभाल करनी चाहिए ना कि केवल उसका उपभोग.
उन्होंने कहा, यदि आगामी पीढ़ी इस तरह से सोचेगी तो हम पिछले 300 से 350 साल में हुए नुकसान की भरपाई अगले 100 से 200 साल में कर पाएंगे जहां विश्व और मानवता सुरक्षित होगी और जीवन सुंदर होगा.

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