‘जलतारा’ अभिनव पहल राज्य के लिए अनुकरणीय

चिया खेती का प्रयोग पूरी तरह रहा सफल

* वाशिम जिले का प्रेरणादायक कार्य
* कृषि मंत्री ने की सराहना
वाशिम/दि.26-आकांक्षी जिलों की सूची में शामिल वाशिम जिले ने जलतारा मिशन को जन आंदोलन का रूप दिया. चिया खेती का प्रयोग पूरी तरह सफल रहा है और जिले की प्रतिष्ठा पूरे राज्य में बढ़ गई है. जलतारा पहल और चिया खेती से किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिली है. इसलिए राज्य के अन्य जिलों को भी ऐसी नवीन पहलों का अनुकरण करना चाहिए, ऐसी आशा 22 मई को राज्य के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने आशा व्यक्त की.
मुंबई मंत्रालय में हुई इस बैठक में जिलाधिकारी भुवनेश्वरी एस शामिल हुई. उनके साथ जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी आरिफ शाहा और ‘आत्मा’ परियोजना निदेशक अनीसा महाबले भी मौजूद थीं. ‘चिया’ की खेती में जिले का अच्छा कार्य पूरे राज्य के लिए प्रेरणादायक रही है. जिला कलेक्टर भुवनेश्वरी एस. के नेतृत्व में जल संरक्षण, चिया खेती और सतत विकास की दिशा तय हो रही है और किसानों के जीवन स्तर में सुधार हो रहा है.
* नवीन पहलों का अनुकरण जरूरी
जलतारा पहल और चिया खेती ने किसानों की आय बढ़ाने में मदद की है और यह सुनिश्चित किया है कि चिया उत्पाद सीधे बाजार तक पहुंचें. कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने आशा व्यक्त की कि राज्य के अन्य जिलों को भी ऐसी नवीन पहलों का अनुकरण करना चाहिए.
* अन्य जिलों को भी अनुसरण करना चाहिए
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘किसानों की आय दोगुनी करने’ की अवधारणा का अनुसरण करते हुए, वाशिम जिले में जलता और चिया फसलों की खेती की पहल लागू की गई.
-वे ‘आकांक्षी’ से ‘प्रेरणादायी’ तक की यात्रा का एक बेहतरीन उदाहरण बन गए है. कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने आशा व्यक्त की कि अन्य जिलों को भी ऐसी नई पहलों का अनुकरण करना चाहिए.
* 3,608 हेक्टेयर क्षेत्र में चिया की खेती
वर्ष 2022-23 में जिले में 162 हेक्टेयर भूमि पर नवीन चिया किस्म का रोपण किया गया. किसानों के प्रयास पूरी तरह सफल होने पर अन्य किसानों ने भी इस फसल को अपनाया. यही कारण है कि 2024-25 में चिया को 3,608 हेक्टेयर क्षेत्र में लगाया गया.
* 75,396 गड्ढे ‘जलतारा’ के अंतर्गतजल संरक्षण एवं भूजल पुनर्भरण के लिए जिले में जलतारा अभियान शुरु किया गया. एक जलतारा गड्डा कृषि भूमि से 3.80 लाख लीटर पानी सोख सकता है. उल्लेखनीय है कि मनरेगा के माध्यम से 75,396 नालों पर कार्य चल रहा है, जिसके लिए 37.69 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए है.

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