विदर्भ

पथ्रोट के स्वास्थ्यवर्धिनी केंद्र में जेई व बीसीजी टीका उपलब्ध नहीं

कई बालक टीकाकरण से वंचित

पथ्रोट/दि.11-बालमृत्यु व बीमारी का प्रमाण कम हो, इसके लिए टीकाकरण एक प्रभावी साधन होने की बात स्वास्थ्य विभाग द्वारा कही जाती है, किंतु बालकों का नियमित और समय पर टीकाकरण करना जरूरी है. बावजूद इसके पथ्रोट के स्वास्थ्यवर्धिनी केंद्र में तथा कई सरकारी अस्पतालों में विगत दो माह से जेई व बीसीजी का टीका उपलब्ध नहीं. जिसके कारण बालकों को टीकाकरण से वंचित रहना पड रहा है, ऐसा बालकों के माता-पिता द्वारा कहा जा रहा है.
क्षयरोग से बालक का बचाव करने के लिए बीसीजी का टीका उपयोगी है. जन्म से लेकर तीन-चार माह तक यह टीका दिया जाए तथा जेई टीके की पहली मात्रा 9 से 12 महिने, दूसरी मात्रा 16 से 24 महिने तक दी जाए, ऐसा नियम है. लेकिन बालकों को समय पर स्वास्थ्य केंद्र में टीका उपलब्ध न हीं होने से कई महीनों तक प्रतीक्षा करना पडता है. जिसके कारण आम लोगों को परेशानी हो रही है. जो परिवार सधन है, वह अपने बालकों को निजी डॉक्टर द्वारा बीसीजी का टीका दिलवा रहे है. इसके लिए लगभग 500 रुपए देने पडते है. लेकिन गरीब, खेतिहर मजदूर व आम नागरिकों को इतनी रकम देना संभव नहीं होने से उनके बालकों को जेई टीके से वंचित रहना पड रहा है. इस ओर तहसील स्वास्थ्य अधिकारी, अचलपुर पंचायत समिति व जिला परिषद स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी होने का आरोप नागरिक कर रहे है. जिला परिषद स्वास्थ्य विभाग के सीईओ अविश्यांत पंडा ने पथ्रोट में विगत माह अचानक भेंट दी थी. उस दौरान वहां पर उपस्थित पालकों ने समय पर टीकाकरण नहीं किए जाने व टीका उपलब्ध नहीं, ऐसा बताया. बावजूद यहां के स्वास्थ्यवर्धिनी केंद्र में जस की तस स्थिति दिखाई देती है.
पथ्रोट के स्वास्थ्यवर्धिनी केंद्र की एम्बुलेंस को टीके के स्टॉक लाने के लिए मुख्यालय में भेजा था. लेकिन टीका उपलब्ध नहीं कराया गया.
-किरण शिंदे,
तहसील स्वास्थ्य अधिकारी.

दो महिने से बीसीजी टीका उपलब्ध हुआ नहीं है. जिसके कारण लोग हम पर रोष व्यक्त कर रहे है.
-चित्रा जावरकर, स्वास्थ्य सेविका

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