नागपुर/ दि.3 – देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तब महाराष्ट्र विधानमंडल में पत्रकार संरक्षण कानून बनाया गया. तब से अब तक राज्य में केवल 35 अपराध दर्ज हुए है. पुलिस एक तो टालमटोल करती है, या इस कानून के बारे में पुलिस को जानकारी नहीं. यह हकीकत कई बार सामने आयी है, ऐसी जानकारी मराठी पत्रकार परिषद के विश्वस्त एस. एम. देशमुख ने दी. कानून लागू होने के बाद आंकडे हम संकलित नहीं कर पाये. परंतु फिर से एक बार हमले में वृध्दि होने की जानकारी देशमुख ने दी.
पत्रकारों पर बढते हमले को देखकर पत्रकार और प्रसार माध्यम संस्था को संरक्षण देने वाला कानून महाराष्ट्र में बनाया गया. इसके अनुसार पत्रकारों पर हमला करने वाले को 3 वर्ष कारावास या 50 हजार रुपए जुर्माना या दोनों ऐसा सजा का नियम है. इसी तरह पत्रकारों पर हमला गैर जमानती अपराध है. राइट्स एण्ड रिस्क ऍनालिसिस ग्रुप (आरआरएजी) के इंडिया प्रेस फ्रिडम रिपोर्ट 2021 में भारत में करीब 6 पत्रकार मारे गए. पत्रकारों पर 108 हमले हुए और 13 मीडिया हाउसेस पर निशाना साधा गया. प्रसार माध्यम की स्वतंत्रता को नकारने का स्पॉट लाइट व्याप्त जम्मु और कश्मिर में कायम रहा. वहां पत्रकारों को कई बार पुलिस थाने बुलाकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. उन्होंने उनके घर पर छापा मारा. सुरक्षा दल ने उन्हें बेदम पीटा, ऐसा एक नई रिपोर्ट में कहा है.