वर्धा/दि.11 – राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में कालीचरण महाराज को सशर्त जमानत दी गई है. प्रथम श्रेणी न्यायमूर्ति एम.वाय.नेमाडे ने 15 हजार रुपए के मुचलके और एक जमानदार के आधार पर जमानत दी है. इसके साथ गवाह और मुकदमे से जुडे सबुतों के साथ छेडछाड नहीं करने, इस तरह की घटना दोबारा नहीं करने, स्थानीय पता, चल-अचल संपति का विवरण देने के आदेश दिये है.
जानकारी के अनुसार 29 दिसंबर को कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मनोज चांदुरकर ने कालीचरण महाराज के खिलाफ दी शिकायत दर्ज कराई थी. 12 जनवरी को वर्धा पुलिस ने कालीचरण महाराज को रायपुर जेल से लाकर वर्धा अदालत में पेश किया. अदालत में सरकारी वकील ने दो दिन पुलिस कस्टडी देने की मांग की थी, लेकिन बचाव पक्ष के वकील एड.विशाल टीबडेवाल और एड.पप्पु मोरवाल ने उसका विरोध किया. बचाव पक्षों की दलीलों से न्यायमूर्ति सहमत हुए. इसके बाद अगली सुनवाई 3 फरवरी को रखी गई. इस सुनवाई में बचाव पक्ष के दोनों वकीलों ने कालीचरण महाराज का पक्ष रखते हुए कहा था कि, पुलिस ने कालीचरण महाराज को गैर कानूनी तरीके से गिरफ्तार किया है. क्योंकि नियमानुसार पुलिस ने गिरफ्तारी का कोई नोटीस नहीं दिया था. साथ में अदालत में यह भी दलीले दी गई थी कि, घटना के पश्चात कोई भी दंगाफसाद नहीं हुआ था. इसके बाद जमानत आवेदन पर फैसला सुनाने के लिए 8 तारीख तय की गई ओर अदालत ने कालीचरण महाराज को सशर्त जमानत दे दी.