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वनमंत्री, कमिशनर और कलेक्टर को आज निवेदन
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इंदौर-धुलघाट-आकोला मीटरगेज का है गौरवशाली इतिहास
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ब्रॉडगेज जब शुरू होंगा तब देखा जायेगा
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टाइगर रिजर्व ने 100 से ज्यादा गांववासियों को किया कैद
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ना सड़क और ना रेल ,कोरोना महामारी में जेल
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राज्य सरकार का आदिम समुदाय से क्रूर मजाक
प्रतिनिध/दि.१७
परतवाड़ा/ मेलघाट – आजादी के 74 वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक शर्मनाक खबर प्राप्त हुई कि मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प ने धुलघाट परिसर के 100 से अधिक गाँवो को आकोट से जोड़ते सड़क मार्ग को स्थायी बंद कर दिया है । जंगल मे टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के हाथ धोने के काम आते रीठे के वृक्ष जैसे डिजायनर पर्यावरण प्रेमी इस खबर से खुश हो सकते है ।अधिकृत शासकीय एसटी बस का यातायात बंद होने से अब किसी गर्भवती महिला , किसी रुग्ण और किसी कोरोना पेशंट को दवाखाना लाने-लेजाने का कोई प्रश्न ही नही रहेंगा ।यदि धुलघाट के लोगो को धारणी तहसील मुख्यालय भी जाना है तो एसटी बस उपलब्ध नही है । कोरोना महामारी के चलते एसटी सेवा भी पांच माह से बंद पड़ी है ।राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे , पर्यावरण मंत्री और पदम पुरुस्कार समिति के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे , पर्यावरण के कथित मेलघाटी आचार्य, बुलढाणा के रेल प्रेमीऔर टाइगर रिजर्व मेलघाट के आला अफसरो ने एक सौ गाँवो के कैदी बना लेने के उपलक्ष्य में सेलिब्रेशन करना चाहिए ।इन 100 देहातो के माथे पर लिख दिया गया है – तू तेरा देख..!
एक तरफ वन्यप्राणियो और पर्यावरण पर थोक में चिंता व्यक्त करते डिजायनर वन्यप्रेमी और नेताओं की जमात है और दूसरी और आजाद हिंदुस्थान में अपनी हक़ की रेल के लिए संघर्षरत वंचितों की फड़फड़ाहट । कितना अजीब होता है सत्ता का नशा जो कोरोना जैसी महामारी के बीच भी वंचित और दीन दुखियों को प्रताड़ित करने से बाज नही आता । जंगल से जंगल के रक्षक को बेदखल करने की जो प्रक्रिया होती है शायद उसे ही जंगलराज कहते है ।
बहरहाल अब इस रेल को बचाने के लिए कारवां बन चुका है । ये मेलघाट की अस्मिता का सवाल है । कम से कम इस बात पर सभी एक मत हो सकते है कि ब्रॉडगेज जब बनेंगी तब बनेगी किंतु उससे भी पहले , फौरन से भी पेश्तर इन आदिवासियों की जीवनरेखा मीटरगेज को शुरू कराया जाये । मीटरगेज को जंस की तस शुरू करने में किसी किशोर को किसी फारेस्ट को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए । क्योंकि रेलमंत्रालय ने संचालित हो रही रेलसेवा को नवीनीकरण के लिए बंद किया था ना कि स्थायी रूप से …! आकोला , हिवरखेड़ , वान , धुलघाट , डाबका , आमलाखुर्द और तूकईथड रेल लाइन को ही ब्रॉडगेज किया जाये और नवीनीकरण की पूरी प्रक्रिया होने तक वंचित ग्रामीणों के लिए आकोट खंडवा पुरानी रेल पुनः शुरू करने की मांग को लेकर कल 15 अगस्त को एक सभा का आयोजन भी किया गया था । इस जूम बैठक में मध्यप्रदेश के सनावद , खंडवा से लेकर मराठवाड़ा और हिंगोली तक के लोगो ने सहभाग लिया । किसान नेता पाशा पटेल ने मराठवाड़ा के लिए पूर्णा-आकोला-खंडवा रेलमार्ग के महत्व को विशद कर बताया कि जालना , ओरंगाबाद , मनमाड के यात्रियों को इंदौर जाने के लिए यही रेलमार्ग सर्वोतन और कम खर्च का है । इस वेबनार कांफ्रेंस की प्रस्तावना जिला महामंत्री गजानन कोल्हे ने रखी । बीजेपी प्रदेश कार्यकारणी के सदस्य दिनेश सूर्यवँशी की पहल पर सभा का आयोजन किया गया था ।केंद्रीय रेल बोर्ड पीएसी सदस्य तथा ‘ बेटी बचाव -बेटी पढाव योजना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजेन्द्र फड़के ने सभी का मार्गदर्शन किया । धुलघाट की दुर्गम पहाड़ियों पर बसे रानेगावँ के करीब 50 लोगो ने सभा मे हिस्सा लिया । बुलढाणा के जनप्रतिनिधि इस रेलमार्ग को झपटने में लगे है जो नाकाबिल -ए-बर्दाश्त है । धारणी के वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता अप्पा पाटिल ने यह बात कहते हुए कहा कि हमारे प्राचीनतम संसाधन बलात छिनने का यह कुत्सित प्रयास है ।आकोट व्यापारी महासंघ के उपाध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बताया कि मीटरगेज बंद होने से आकोट के आर्थिक व्यवहार प्रभावित हुए । वही खेती , उद्योग के लिए श्रमिको की भी दिक्कत होने लगी है ।केलपानी , गुल्लरघाट , धारगढ़ से लेकर डाबका तक के लोगो का आकोट से व्यवहार चलता है । राज्य सरकार के बाशिंदे हमारे मुहं से निवाला छिनने का कार्य करने में लगे हुए है ।रतलाम के शिवम राज पुरोहित ने बताया कि मप्र और महाराष्ट्र कर सामाजिक और आर्थिक व्यवहार के लिए किसी रीढ़ की हड्डी से कम नही है यह ट्रेन । उन्होंने महुँ -सनावद के बीच चल रही हैरिटेज मीटरगेज रेल का भी जिक्र किया । धारणी से रमेश मावस्कर ने रेल मार्ग को बंद करने की साजिश को सिर्फ गरीबो का उत्पीड़न करार दिया ।आकोट के एड ब्रिजमोहन गांधी ने कहा कि यह बिल्कुल भी जरूरी नही है कि पूर्णा -आकोट -खंडवा रेलखंड को ही बुलढाणा के संग्रामपुर -जामोद से जोड़ा जाये । बुलढाणा के रेलयात्री चाहे तो खुद की सुविधा के लिए एक अलग , बिल्कुल नई रेल लाइन की मांग सरकार से कर सकते है । हिवरखेड़ से अतिरिक्त नई रेल बुलढाणा शुरू करने में किसी को कोई परेशानी नही होंगी । इससे सभी का समाधान भी होंगा ।हिंगोली से शोएब ,खंडवा से मनोज सोनी , मेलघाट के अतिदुर्गम और अंतिम गाँव दादरा से दुर्योधन जावरकर ने भी रेल मार्ग को बगैर किसी अतिरिक्त सुधार के जस का तस रखने की मांग का समर्थन किया । धारणी से ही क्षमा चौकसे से तथाकथित पर्यावरणवादियों को खूब खरी -खोटी सुनाते हुए कहा कि पहले ये तमाम लोग कुछ दिन धुलघाट में बिताकर देखे तब इन्हें मालूम होंगा कि वनांचल में मनुष्य का जीवन कैसे बितता है ।आनंद भोरे , सुशील गुप्ता , संतोषकुमार राउत , पीयूष मालवीय ने भी व्हाया धुलघाट ब्रॉडगेज बनाने और तब तक मीटरगेज शुरू रखने के प्रस्ताव का पुरजोर समर्थन किया । दिनेश सूर्यवँशी ने कहा कि यह रेल अमरावती -आकोला जिले की रोजमर्रा की आवश्यकता है । इससे मुहं नही मोड़ा जा सकता । हम दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस समस्या को सुलझाकर ही रहेंगे । गजानन कोल्हे ने कहाँ कि कल तक इस मीटरगेज रेल से किसी को कोई तकलीफ नही थी ।लेकिन अब देखते ही देखते अनेक वन्यप्रेमियो के पेट मे दर्द उठने लगा है ।मनीष जेसवानी ने कहा कि पूरे मेलघाट और सतपुड़ा पर्वत की वादियों के 80 किमी ट्रैक में मात्र 10-12 किमी का क्षेत्र ही व्याघ्र प्रकल्प की सीमा से गुजरता है । यदि किसी को वन्यप्राणियो के रेल हादसे में मर जाने की आशंका हो तो उसके लिए इस 12 किमी के ट्रैक पर फेंसिंग कर सुरक्षा इंतजाम भी किये जा सकते है ।खंडवा के मनोज सोनी ने तो वन्यप्रेमियो से सीधे अपील करते हुए कहा कि कम से कम विदर्भ के विकास के लिए वो अपनी आपत्ति वापस लेवे । आकोला से खंडवा रूट पर 8 ट्रेन प्रतीक्षारत है । यदि मार्ग जल्द शुरू निहि हुआ तो कोई अन्य नेता इन वेटिंग में खड़ी रेल सेवा को अपने क्षेत्र में ले चला जायेगा । गोलाई के हर्षराज काथखडे, अशोक मावस्कर , विवेक नवलाखे , प्रभाकरराव मानकर ने तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त कर मेलघाट को उसके अधिकार की रेल लौटाने का शंखनाद किया ।
सभी मान्यवरों के विचारों को ध्यानपूर्वक सुनने के बाद डॉ राजेन्द्र फड़के ने कहा कि वे अतिशीघ्र धुलघाट की जमीनी हकीकत का मुआयना करने जाएंगे । जो मांग है उसमें आपत्ति नही होनी चाहिए । आप सभी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी , पीयूष गोयल , प्रकाश जावड़ेकर आदि के नाम से एक पत्र तैयार कीजिये । हम सरकार के दरबार मे मेलघाट की आवाज को बुलंद करेंगे । इस पूरे संघर्ष को सकारात्मक रूप से सहयोग देने मै आप सभी के साथ निर्णायक दौर तक रहूंगा ।किसी को और भी कुछ सुझाव देना हो तो वो मुझे 9823044445 पर योग्य मैसेज कर सकते है । फड़के ने रेल कृति समिति के सदस्यों और रेलमंत्री के बीच मीटिंग कराने का भी अभिवचन दिया ।