विदर्भ

खुद का अपहरण, मांगी फिरौती, दी जान से मारने की धमकी

रोशन के पिता रोते हुए पुलिस थाने पहुंचे

पुलिस का हाथ देखते ही सारा झूठ सामने आया
नागपुर/ दि. 1- यवतमाल जिले का एक व्यक्ति पसीने से लतपथ होकर रेलवे पुलिस थाने पहुंचा. घबराया हुआ चिंतित देखकर रेलवे पुलिस निरीक्षक मनीषा काशीद व उसके सहयोगियों ने धीरज देते हुए पूछताछ की तब उन्होंने उनके बेटे का अपहरण हुआ, छोडने के लिए अपहरणकर्ता दो लाख रूपए मांग रहे है. रकम नहीं दी तो वे उसे मार डालेंगे, ऐसा कहते हुए दु:खी पिता रोने लगे. कथित अपहरणकर्ताओं ने भिजवाए फोटो भी दिखाए. परंतु पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर उनके बेटे रोशन को खोज निकाला. पुलिस का हाथ पडते ही रोशन ने सारी हकीकत पुलिस के सामने उगल दी. पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है.
कथित अपहरणकर्ताओं ने भिजवाई फोटो में रोशन के पैर और मुंह स्कॉर्प से बंधे हुए दिख रहे है. परंतु उसके हाथ उसने ख्ाुद पीठ के पीछे लिए इस तरह दिख रहा है. यह देखकर पुलिस चकेत हुए. थानेदार मनीषा काशी ने तत्काल वरिष्ठों को उसकी जानकारी दी. इसके बाद रोशन के मोबाइल पर संपर्क साधा. मगर उसने कोई प्रतिसाद नहीं दिया. परंतु वॉट्सएप पर चेटिंग करता है. इसके कारण पुलिस अधिकारी उसके मोबाइल का लोकेशन निकालकर अलग-अलग टीम काम में जुट गई. 3-4 घंटे खोज करने के बाद कथित अपहृत रोशन जीरो माइल के पास दिखाई देता है. उसे कब्जे में लेने के बाद कथित अपरण का दूसरा फोटो शुरू होता है और वह संबंधितों को अचंभित करनेवाला है.
रोशन नौकरी की ट्रेनिंग पर है. इस वजह से 8 अप्रैल को भोपाल जाता है. ऐसा कहकर वह गांव से निकला. 24 अप्रैल तक वह परिवार के साथ फोन पर बात करता रहता है. भोपाल में ट्रेेनिंग हुई और अब नागपुर रेलवे स्टेशन पर हरी झंडी दिखाने की उसे नौकरी मिली.ऐसा वह बताता है. यह सुनकर घर के सदस्य काफी खुश होते है. मगर 24 तारीख के बाद उसका मोबाइल बंद हो जाता है और 25 तारीख को उसके ही मोबाइल से उसके पिता को उसका अपहरण होने का मैसेज प्राप्त होता है. आगे दो दिन में दो लाख रूपए, फिरोती के मैसेज, रोशन के मुंह, पैर बंधे फोटो और धमकी मिलती है.
* सब कुछ झूठ
पुलिस ने तहकीकात शुरू की. उसके बाद रोशन ने पिता के साथ भी शुरू में पुलिस को भी गुमराह करने का प्रयास किया. परंतु पुलिस ने कान के नीचे रसीद करने के बाद वह कुछ हलका होता है. उसने पिता को दी नौकरी मिलने की खबर, उसके बाद उसका अपहरण और फोटो सबकुछ झूठ होने की बात कबूल कर ली.
* इस वजह से रचा षडयंत्र
रोशन को ऑनलाइन रमी खेलने का शौक है. जिसके कारण घर से मिलनेवाले रूपए रमी में उडाता था. घर से नागपुर आने के बाद वह बर्डी की एक लॉज में रूका था. वहां उसने पास के सभी रूपए रमी में उडा दिए और लॉज का 4 हजार रूपए बिल भी बाकी रह गया. वह वसूल करने के लिए बार- बार फोन आने के कारण खुद का अपहरण करने का षडयंत्र रचकर पिता को पहले एक और बाद में 2 लाख रूपए की फिरौती मांगकर खुद को ही जान से मारने की धमकी देने का अपराध कबूल किया.
रम हो, रमा हो या रमी…
कहते है कि रम हो, रमा हो या रमी इसके जाल में जो फंस जाता है. उसकी मति घूम जाती है. बाद में वह क्या करेंगा. इस बारे में कुछ नहीं कहा सकता. वह क्या कर रहा है. उसका भी उसे भान नहीं होता. इस मामले में रमी का शिकार हुए रोशन का बर्ताव भी ऐसा ही बेभान था. उसके कारण उसने लगातार तीन दिन ख्ाुद के जन्मदाता, रिश्तेदार का खाना पीना हराम कर दिया. आखिर पुलिस ने 3 घंटे में कथित अपहरण और फिरौती के मामले की हकीकत उजागर की.

 

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