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वन विभाग की टीम ने 5 को गिरफ्तार किया
नागपुर/दि.25 – वन विभाग की ओर से वन्यजीवों व जंगल को संरक्षित करने के लिए नई-नई योजनाएं निकाली जाती हैं, जिसमें ग्राम निवासियों की मदद से टीमें तैयार की जाती हैं. इन दिनों कुछ ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें रक्षक ही भक्षक बनते दिखाई दे रहे हैं. ऐसा ही एक मामला बुधवार को उजागर हुआ है. जिसमें संयुक्त वन व्यवस्थापन समिति के अध्यक्ष व प्राइमरी रेस्क्यू टीम के सदस्य ने मिलकर एक बाघ को मारकर 30 लाख में बेचने का प्रयास किया. वन विभाग ने भनक लगते ही नकली ग्राहक भेजकर आरोपियों को पकडा. कुल 5 आरोपी को गिरफ्तार कर उनके पास से बाघ के नाखून, दांत जब्त किए गए हैं. आरोपियों में ताराचंद महादेव नेवारे (41) निवासी खडकडा, दिनेश कवडु कुंभले (30) निवासी वाठोडा, अजय राजू भानारकर (24) निवासी वाठोडा, प्रेमचंद वाघाडे (50) निवासी सोनपुर, राजू कुडमेथे निवासी खडकडा है.
रक्षा का था जिम्मा : आरोपियों में राजू कुडमेथे संयुक्त वन व्यवस्थापन समिति का अध्यक्ष है. इस समिति के लिए एक गांव से 13 सदस्यों की नियुक्ति की जाती है. जिन्हें वन विभाग आस-पास के जंगल का जिम्मा सौंपा जाता है. वहीं आरोपियों में ताराचंद नेवारे प्राइमरी रेस्क्यू टीम का सदस्य था. यह टीम गांव में इसलिए बनाई जाती है, ताकि किसी भी आपातकालीन समय में इस टीम के सदस्य वन्यजीवों का संरक्षण कर सकें. लेकिन दोनों वन विभाग के रक्षक ही भक्षक बन बैठे.
इस तरह किया था शिकार : दीपावली के एक महीने पहले नागभीड क्षेत्र अंतर्गत आने वाले सोनपूर तुकूम में आरोपियों ने खेत में विद्युत तार लगाकर एक बाघ की जान ली थी. इसके बाद उस बाघ को खेत में ही गाड दिया. दीपावली के दूसरे दिन बाघ का शव बाहर निकालकर उसके दांत, नाखुन आदि निकालकर बेचने का प्रयास कर रहे थे.