नागपुर/दि.15 – मुंबई उच्च न्यायालय के आदेशानुसार कल शहर के जिला न्यायालय व सभी न्यायालयों का कामकाज शुरु हुआ. मगर शहर में लगातार बढ रहे कोरोना संक्रमण और उसकी भयावहता देखते हुए वकील भी सावधानी की भूमिका निभा रहे है. पहले दिन अदालत में वकीलों की ज्यादा भीड नहीं थी. कोरोना के कारण पक्षकार के साथ ही फिलहाल वकीलों को भी अदालत की सिडियां चढने में डर लग रहा है, ऐसा दृश्य दिखाई दिया.
सर्वोच्च न्यायालय के नए आदेशानुसार उपराजधानी का जिला न्यायालय श्रेणी अ में आता है. यहां के सभी न्यायाधीश और वरिष्ठ न्यायाधिकारियों को उपस्थित रहना जरुरी है. मगर कनिष्ठ कर्मचारियों की संख्या कम रखी गई है. इसके पहले नियमानुसार 15 फीसदी कनिष्ठ कर्मचारी कार्यरत थे. अब यह आंकडा बढाकर 30 प्रतिशत किया गया है. मगर मुकदमें व अन्य नियमित दिवानी मामलों की शुरुआत अब तक नहीं की गई. नए नियमों के अनुसार केवल महत्वपूर्ण व अंतिम सुनवाई के मामले ही लिये जाएंगे, इसके कारण वकीलों को अधिकांश मामले में उपस्थित रहना जरुरी नहीं है. दूसरी तरफ कोरोना के प्रादुर्भाव और मरीजों की संख्या तथा इससे मरने वाले लोगों की संख्या बढ रही है, जिससे आम लोगों में भय का वातावरण है, ऐसे में सोमवार को अदालत खुलने के बाद वकीलों की भी उपस्थिति बहुत कम दिखाई दी.