विदर्भ

आखिरकार तेंदुए के शावक को मिली मां

वनविभाग की रेस्क्यू टीम ने दोनों को जंगल में भेजा

वरुड/दि.10– तहसील के हातुर्णा में विगत शुक्रवार को गेहूं की कटाई करने वाली महिला मजदूर को हूं की फसल में तेंदुए का शावक दखाई देने से खलबली मच गई थी. सूचना मिलने के बाद वन विभाग की एक टीम ने तेंदुए के शावक को एक पिटे पिंजरे में डालकर उसे वहीं रख दया था. उसके बाद तेंदुए के शावक की मां के इंतजार में वन विभाग की एक टीम वहीं बैठकर इंतजार करने नगी. निगरानी के लिए पिंजरे के आस-पास कैमरे भी लगा दिए गए थे. आखिरकार सोमवार तड़के शावक की मां इस जगह पर पहुंची और पिंजरे में रखे शावक को उठाकर जंगल की तरफ चली गई. शावक को उसकी मां मिल जाने के बाद गांववासियों और वन विभाग की टीम ने राहत की सांस ली.

प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार, 5 अप्रैल को सुबह हातुर्णा परिसर में किसान महादेव जवादे के खेत में गेहूं कटाई के लिए पहुंची महिला मजदूर को फसल के पास तेंदुए का शावक दिखाई दिया. महिला मजदूर ने यह बात खेत मालिक और पुलिस पाटिल प्रकाश गोहत्रे को बताई. सूचना मिलने पर ग्रामीणों ने खेत में पहुंचकर तेंदुए का शावक मिलने की पुष्टि की और वन विभाग को इसकी सूचना दी.
वनविभाग की टीम ने महादेवराव जवादे के खेत में पहुंचकर तेंदुए के शावक को एक छोटे पिंजरे में बंद कर उसे खेत में उसी जगह पर रख दिया. हालांकि 24 घंटे तक मादा तेंदुए के इस जगह पर आने की कोई आहट नहीं मिली. इसके बाद वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने मादा तेंदुए को ढूंढने की रफ्तार बढ़ाई और पंकज ठाकरे के खेत में एक अन्य तेंदुए के शावक के फुटप्रिंट ढूंढ निकाले, इसके बाद रेस्क्यू टीम ने जवादे के खेत से पिंजरा हटाकर पंकज ठाकरे के खेत में शिफ्ट कर दिया. इस पिंजरे पर टीम ने लगातार निगरानी बनाए रखी, रेस्क्यू टीम ने बताया कि, कई घंटों के इंतजार के बाद सोमवार तड़के मादा तेंदुआ पिंजरे के पास पहुंची. टीम द्वारा पिंजरे का दरवाजा खोलने पर शावक पिंजरे से निकला और अपनी मां के साथ वर्धा नदी के पास से होते हुए जंगल में चला गया. रेस्क्यू टीम में अमरावती के अमोल गावनेर, सुरेश मनगटे, सुरेश बांबुरकर, अक्षय चांबटकर तथा वरुड़ वन परिक्षेत्र अधिकारी पुष्पलता बेंडे, वनपाल धनंजय भटकर, वनरक्षक प्रतीक चोरे, मंगेश जंगले, दिनेश वाघाडे, दिलीप वाघमारे, चालक आकाश मानकर, एनजीओ किरण ढेवले आदि शामिल थे.

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