धामणगांव रेलवे/दि.8 – तहसील के विरुल रोंघे व तरोडा में वन विभाग व्दारा तेंदुए की तलाश शुरु है. किंतु इस तेंदुए का पांच दिन बाद भी कोई पता नहीं चल पाया है.
चांदूर रेलवे वन परिक्षेत्र के मौजा विरुल रोंघे में ट्रैक्टर चालक को तेंदुआ दिखाई देने बाबत ग्रामपंचायत सदस्य मंगेश गुल्हाने ने चांदूर रेलवे के वन परिक्षेत्र अधिकारी आशिष कोकाटे को जानकारी दी. इसके चलते वन पाल किशोर धोत्रे ने कर्मचारियों समेत तेंदुए के अस्तित्व बाबत सबूत तलाशने के लिए गश्त की. किंतु उन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सबूत नहीं मिले. वनपाल ने वहां के चरवाह सुधाकर जयकृष्ण गडकरी से पूछताछ की. वे कई वर्षों से यहां जानवर चराते है, लेकिन उन्हें भी यहां तेंदूआ नहीं दिखाई दिया, ऐसा उन्होंने बताया. साथ ही ट्रैक्टर चालक आकाश सुने का बयान दर्ज किया गया. वन विभाग के शिकार प्रतिबंधक दल अमरावती के वन परिक्षेत्र अधिकारी सचिन नवरे ने दल के साथ मौका स्थल का मुआयना किया तो उन्हें तेंदूए बाबत के सबूत नहीं मिले. उस बाबत वन विभाग के ग्रामपंचायत विरुल रोंघे व तरोडा में जानकारी देकर गांववासियों ने सतर्क रहने की सूचना देने के लिए गांव में दवंडी देने बाबत पत्र दिया.
इस घटना बाबत युथ फॉर कन्झर्वेशन के अध्यक्ष डॉ.स्वप्नील सोनोने, संस्था सदस्य, वन्यजीव तेंदूआ बचाव समिति की टीम व वन विभाग ने घटनास्थल पर जाकर तेंदूए के अस्तित्व के सबूत तलाश ने का काम किया. इस समय चांदूर रेलवे वन परिक्षेत्र अधिकारी आशिष कोकाटे, वनपाल किशोर धोत्रे, वनरक्षक विरेंद्र पवार, भारती इंगोले, भावना पातालवंशी, वनमजदूर शरद खेकाले, वसंता राठोड, सुधाकर श्रीनाथ, अंकुश खेकाले, संजय पंचभाई तथा वनपरिक्षेत्र अधिकारी सचिन नवरे, सुरेश मनगटे, अमोल गावनेर, सतीश उमप तथा अन्य लोग उपस्थित थे.