विदर्भ

किसानों को रासायनिक कृषि से जीवनदान

श्री संत शंकर महाराज कृषि महा.के विद्यार्थियों का उपक्रम

शिराला/प्रतिनिधि दि.३१- श्री संत शंकर महाराज कृषि महाविद्यालय पिंपलखुटा में (बीएससी कृषि) अंतिम वर्ष की छात्रा ज्ञानेश्वर राजेन्द्र भस्मे ने ग्रामीण कृषि कार्यानुभव इस उपक्रम अंतर्गत किसानों को जीवनदायिनी कैसे बनाना है और वह कृषि के लिए कैसे लाभदायक रहेंगे. इस संबंध में मार्गदर्शन दिया.
फसल की वृध्दि के लिए जीवाणु अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है. उनकी संख्या बढाने के लिए ‘जीवनदायिनीÓ के उपयोग से फ सल रोग की प्रतिकार शक्ति बढती है. फसल को रोग से दूर रखती है. फसल की वृध्दि करती है और उत्पादन में वृध्दि होने में मदद मिलती है. विशेष यह कि खाद बनाने के लिए आसान तरीका है इसमें गोमृत गाय का गोबर, गुड, बेसन, मिट्टी का मिश्रण एकत्रित करके प्लास्टिक के ड्रम में दो तीन दिन रखकर उसके बाद फसल को दे . इस कार्य में कृषि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.सी.यू. पाटिल , डॉ.शरद नायक व पवन चिमोटे, ने महत्वपूर्ण सहयोग किया. आज भी अनेक किसान, नैसगिक खेती करके अधिक आय प्राप्त करते है. शाश्वत उत्पादन के लिए किसानों की जैविक खेती की ओर अग्रसर होने की जरूरत है. ऐसा किसानों को समझाया.

Related Articles

Back to top button