दारव्हा/ दि.26– खेती के विवाद पर सगे भाई की हत्या कर भाभी की भी हत्या करने का प्रयास करने वाले छोटे भाई को जिला व सत्र न्यायालय के न्यायमूर्ति जी.ए.रामटेके की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. विलास हरसिंग पवार (तिवरी, तहसील दिग्रस) यह सजा पाने वाले आरोपी भाई का नाम है.
जानकारी के अनुसार बीते 2 जून 2017 की रात 9.30 बजे आरोपी विलास ने पिता से प्राप्त खेत के हिस्से को लेकर बडे भाई मृतक रमेश हरसिंग पवार व उसकी पत्नी सविता रमेश पवार के घर में प्रवेश कर धारदार चाकू से भाई पर हमला कर दिया. जिससे रमेश की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं बडे भाई की पत्नी को जान से मारने के उद्देश्य से करीब 20 घाव मारे, परंतु इस हमले में सविता पवार बच गई. घटना के बाद आरोपी के दूसरे भाई की बेटी प्रियंका खुशाल पवार, आरोपी व मृतक की सगी बहर सत्तुबाई अजाबराव राठोड ने आरोपी को रोकने का प्रयास किया. मगर उन्हें भी आरोपी ने जान से मारने की धमकी दी. इस घटना में सत्तुबाई राठोड ने पुलिस थाने में शिकायत दी. इसपर दिग्रस पुलिस ने अपराध दर्ज कर जांच अधिकारी थानेदार शिवाजी बचाटे व पीएसआई बाबाराव पवार ने तहकीकात की. इसके बाद थानेदार रामकृष्ण महल्ले ने मामले की पूरी तहकीकात करने के बाद अदालत में दोषारोपपत्र दायर किया.
सरकारी पक्ष की ओर से कुल 16 गवाहों के बयान लिये गए. सत्तुबाई अजाबराव राठोड अदालत में अपने बयान से बदल गई. विद्यमान अदालत में दर्ज किये गए गवाहों में से चष्मदीद गवाह प्रियंका पवार व घायल मृतक की पत्नी सविता पवार, स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.असवार, डॉ.जतकर के बयानों को मान्य करते हुए अदालत ने आरोपी को उम्रकैद व 5 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर 1 वर्ष की कारावास की सजा, इसी तरह दफा 307 के तहत 10 वर्ष सजा व 5 हजार रुपए जुर्माना और जुर्माना न भरने पर 1 वर्ष की कारावास की सजा सुनाई. इस मुकदमे में सहायक सरकारी वकील अंकुश देशमुख ने दलीलें पेश की. उनकी सहायता पैरवी अधिकारी के रुप में सुधाकर राठोड ने की.