नागपुर/दि.19- दस वर्ष पश्चात राज्य में फिर से एक बार लोडशेडिंग का संकट निर्माण हुआ है. लेकिन फिलहाल कुछ समय के लिए दिलासा मिला है. केंद्र सरकार की एनटीपीसी द्वारा मदद किए जाने से महाराष्ट्र को 4710 मेगावॉट बिजली उपलब्ध हो रही है. परिणामस्वरुप गत दो दिनों से बिजली कटौती नहीं की गई. दरमियान विगत पांच दिनों से राज्य में कहीं पर भी भारनियमन नहीं हुआ है व नियमित बिजली आपूर्ति शुरु रहने का दावा महावितरण ने किया है. इन दोनों बातों का विचार करने पर नागरिकों को फिलहाल लोडशेडिंग से दिलासा मिला है.
महाराष्ट्र में बिजली संकट निर्माण हुआ है. राज्य सरकार ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. केंद्र की ओर से कोयला उपलब्ध नहीं होने से बिजली केंद्र का संचयन कुछ दिनों से शेष बचा है. जिसके चलते बिजली केंद्र पूरी क्षमता से नहीं चलते. 10,212 मेगावॉट क्षमता के केंद्र से सिर्फ 6,526 मेगावॉट बिजली का उत्पादन हो रहा है. दूसरी ओर सोलापुर के बंद युनिट को शुरु कर एनटीपीसी ने अब महाराष्ट्र को 4710 मेगावॉट बिजली देना शुरु किया है. महावितरण सूत्रों का कहना है कि एक-दो दिनों में एनटीपीसी का एक और युनिट शुरु होकर 500 मेगावॉट अधिक बिजली मिलने लगेगी.
महावितरण के लोड व्यवस्थापन से संबंधित एक अधिकारी ने बताया कि एनटीपीसी से मिलने वाली अतिरिक्त बिजली के कारण कोयना सहित अन्य हायड्रो प्रकल्प से फिलहाल सिर्फ 291 मेगावॉट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है.
इस प्रकल्प के पानी के संकट के समय के लिए बचाकर रखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि मांग 27 हजार मेगावॉट से 23,150 मेगावॉट पर पहुंचने से भी कंपनी को थोड़ा दिलासा मिला है.
संकट कायम है
महावितरण के लिए अब भी सुबह व शाम 5 से 8 बजे का समय संकट का साबित हो रहा है. कंपनी के सूत्रों के अनुसार इस काल में सौर ऊर्जा का उत्पादन कम हो रहा है. जिसके चलते इस काल में बिजली की स्थिति पर नियंत्रण रखना कठिन हो रहा है. मांग बढ़ने पर जी-ग्रुप क्षेत्र में फिर से लोडशेडिंग करनी पड़ सकती है.
… इस तरह मिल रही है बिजली
कंपनी बिजली (मेगावॉट में)
अदानी, तिरोडा 3011
रतन इंडिया 1200
सीजीपीएल 602
साईं वर्धा 148
महाजेनको 6526
एनटीपीसी 4710
एनपीसीआइएल 521
हाइड्रो 291
सोलर 2736
वायु 240
कोजेन 660
पॉवर एक्सचेंज 1500