विदर्भ

कापुसतलणी पशुवैद्यकीय अस्पताल को ठोका ताला

डॉक्टर की अनुपस्थिति से लोग संतप्त, कार्रवाई की मांग

अंजनगांव सुर्जी/दि.24 – पशुवैद्यकीय अस्पताल में डॉक्टर सरकार व्दारा नियुक्त किये गए समय पर उपस्थित न रहने से जानवरों पर समय पर इलाज नहीं हो सकता. यह तकलीफ पिछले कई दिनों से रहने से बुधवार को संतप्त पशुपालकों ने पशुवैद्यकीय अस्पताल को ताला ठोककर रोष व्यक्त किया.
तहसील के कापुसतलणी पशुवैद्यकीय अस्पताल कार्यक्षेत्र के पशुधन की संख्या ध्यान में रखते हुए कापुसतलणी स्थित अस्पताल को श्रेणी-1 का दर्जा देकर आज सभी सुविधा उपलब्ध कर दी गई है. किंतु पशुवैद्यकीय अधिकारी बचे के मनमाने कारभार से पशुपालकों को हर रोज मानसिक प्रताडना सहनी पड रही है. अस्पताल के नियुक्त किये गए कर्मचारी समय पर उपस्थित नहीं रहते और समय के बाद वे तत्काल चले जाते है. दोपहर 1 बजे के बाद तो अस्पताल पूरी तरह बंद रखा जाता है. जिससे इलाज के लिए आने वाले जानवरों को इलाज के बीना ही वापस ले जाना पडता है. जिससे अधिकांश जानवरों की मौत हो जाती है. इससे पशुपालक त्रस्त हुए है. बुधवार 23 जून को अरुण शेवाणे के नेतृत्व में कुछ पशुपालकों ने पशुवैद्यकीय अस्पताल को ताला ठोका. इस समय संजय हिंगे, शेख नजीर शेख रहीम, सुधीर तायडे, प्रदीप सातवटे, श्याम बावणेकर, प्रशांत सरदार आदि सहभागी थे. फिलहाल बुआई का मौसम शुरु रहने से बैल बीमार पड रहे है. उसी तरह नया चारा खाने से अन्य जानवर भी बीमार पड रहे है. इसकारण उन्हें पशुवैद्यकीय इलाज की जरुरत है.

आंदोलन वापस लेने की अपील

कल दोपहर 3.30 बजे तहसील पशुवैद्यकीय अधिकारी डॉ.झोंबाडे ने भेंट दी और आंदोलन वापस लेने की अपील की. किंतु जब तक जिला पशुसंवर्धन अधिकारी यहां नहीं आयेंगे और डॉ.बचे पर कार्रवाई नहीं करेंगे तब तक ताला नहीं खोलेंगे, इस तरह की चेतावनी संतप्त किसान व पशु प्रेमियों ने दी हैं.

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