* तिवसा में भी भारी क्षति
मोर्शी/दि.16– मोर्शी तहसील परिसर में 15 फरवरी को हुई ओलावृष्टि व बेमौसम बारिश से संतरा उत्पादक किसानों का भारी नुकसान हुआ. तहसील के घोडदेेव, डोंगर यावली, सालबर्डी, पाला सहित अन्य क्षेत्र में संतरा उत्पादक किसानों के आंबिया व मृग बहार के संतरे व संतरा पेडों का भारी नुकसान होने से किसान फिर एकबार संकट में आ गए है. पहले ही संकट से उबरने का प्रयास करने वाले किसान प्राकृतिक आपदा के कारण संकट से घिरे है.
संतरा बगीचे विविध रोगों के कारण सूखने के कगार पर रहने से किसानों को उपाय योजना करने के लिए भटकना पड रहा है. बगीचे बचाने के प्रयास में किसानों ने लाखों रुपए का कर्ज लिया. करो या मरो जैसी स्थिति में किसान है. ऐसे बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों को और भी संकट में लाकर खडा कर दिया है. गुरुवार को हुई बेमौसम बारिश से आंबिया मृग बहार का संतरा व संतरा पेडों का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ. तहसील के किसानों पर एक बाद एक संकट आ रहा है. ओलावृष्टि के कारण संतरे झडकर नीचे गिर गए है. जिससे किसान हताश हुए है. इस माल को अच्छे दाम नहीं मिलेंगे, ऐसा किसानों ने बताया. सालभर की फसल हाथ से निकलने जाने से किसान हताश हुए है. सरकार ने किसानों की स्थिति को समझने तथा उन्हें इस संकट से उबारने की मांग जोर पकड रही है.
* तिवसा में भी मृग बहार का नुकसान
तिवसा-तहसील अंतर्गत आने वाले कुर्हा में हुई बेमौसम बारिश से फसलों का नुकसान हुआ. पहले ही उत्पादन कम हुआ वहीं एक नया संकट किसानों के सामने खडा हो गया. बेमौसम बारिश से गेहूं, प्याज, संतरा, मोसंबी, नींबू, चना, सहित सब्जी फसल का भारी नुकसान होने की जानकारी है. कुर्हा में गुरुवार की रात हुई बारिश से मृग बहार का संतरा फल गलन बडे पैमाने पर हुआ. मौजा वडुरा में भी संतरा उत्पादकों का भारी नुकसान हुआ. आंबिया बहार रहने वाले संतरे के फल व फूल गलने से किसानों में चिंता देखी जा रही है.