घर-घर नल कनेक्शन के लिए महाराष्ट्र 11 वें स्थान पर
ग्रामील इलाकों में अब प्रत्येक घर में मिल रहा पानी
नागपुर प्रतिनिधि/दि.18 – केंद्र सरकार के जलजीवन मिशन योजनांतर्गत ग्रामीण इलाकों में प्रत्येक परिवार को वर्ष 2024 तक नल द्बारा जलापूर्ति करनी है. इस योजना में देश में फिलहाल गोवा पहले नंबर पर है. जबकि महाराष्ट्र 11 वें स्थान पर है.
महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में 1 करोड 42 लाख 36 हजार 135 घरों में से 17 जनवरी तक 83 लाख 20 हजार 525 (58.25 फीसदी) परिवारों को नल कनेक्शन दिये गये है. दूसरे स्थान पर तेलंगना, तीसरे स्थान पर पड्डूचेरी, चौथे स्थान पर हरियाणा, पांचवे नंबर पर अंदमान-निकोबार और इसके बाद गुजरात, हिमाचल प्रदेश, सिक्कीम, पंजाब, बिहार और फिर महाराष्ट्र का नंबर आता है. केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2009-10 से राष्ट्रीय पेयजल कार्यक्रम चलाया जा रहा था. इस योजना को जलजीवन मिशन में परावर्तित किया गया. जिसके बाद 2024 तक ग्रामीण इलाकों में प्रत्येक परिवार को नल द्बारा प्रतिदिन प्रति परिवार 55 लीटर जलापूर्ति कराने का लक्ष दिया गया था. जुलाई 2019 से योजनाओं को गति दी गई. जलजीवन मिशन शुरु होने से पहले महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले नागरिकों के घरों में 31 लाख 12 हजार 762 नल कनेक्शन थे. लेकिन बीते चार महीनों में काम तेजी से बढने 58 फीसदी तक पहुंच गया है. इस योजना के दूसरे चरण में स्कूल, अंगणवाडियों में नल कनेक्शन जोडने का लक्ष है. मार्च माह तक यह काम पूरा करना है. जिले में 70 से 80 फीसदी काम पूरा हो गया है. जिन गांवों में नल योजना है, वहां से जलापूर्ति करने व जहा नल योजना नहीं है, वहां पर पानी का स्त्रोत ढुंढकर जलापूर्ति की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. 15 वें वित्त आयोग का 75 फीसदी निधि स्वच्छता व जलापूर्ति पर खर्च कर रहे है. यह जानकारी जिला परिषद के उपमुख्यकार्यकारी अधिकारी अनिल किटे ने दी है.
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नागपुर राज्य में दूसरे नंबर पर
नागपुर जिला इस योजना में दूसरे नंबर पर है, जबकि कोल्हापुर जिला नंबर वन पर है. बीते वर्ष का उद्दिष्ट दिसंबर माह में पूरा हो चुका है. वहीं इस दौर में कुल 91 हजार नल कनेक्शन जोडे गये है.