अदानी समूह को 10,600 करोड देने में महावितरण असफल
सर्वोच्च न्यायालय ने 28 फरवरी तक रकम भरने के दिए थे निर्देश
* सर्वोच्च न्यायालय ने 28 फरवरी तक रकम भरने के दिए थे निर्देश
नागपुर/ दि.3 – सर्वोच्च न्यायालय व्दारा दिए गए निर्देश के पश्चात भी 28 फरवरी तक अदानी पॉवर को 10 हजार 600 करोड रुपए महावितरण कंपनी अदा नहीं कर पायी. अदानी समूह को दी जाने वाली 50 प्रतिशत रकम व शेष रकम के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय व्दारा किसी प्रकार के आदेश जारी नहीं किए गए थे. महावितरण कंपनी इतनी बडी रकम अदा करने की स्थिति में नहीं थी. सरकारी बैंको ने हमें 10 हजार करोड रुपए से अधिक ज्यादा कर्ज नहीं दिया जाएगा ऐसा कहा था.
रकम की तुलना में ज्यादा कर्ज हमने पहले ही लिया है जिसकी वजह से कर्ज देने का सवाल ही नहीं उठता. राज्य सरकार से कर्ज लेना ही एकमेव मार्ग था वह भी कोरोना की वजह से आर्थिक समस्याओं के चलते संभव हो नहीं पाया ऐसा महावितरण अधिकारी व्दारा कहा गया. ऊर्जा मंत्री नितिन राउत व्दारा भी प्रयास किए जाने पर सफलता प्राप्त नहीं हुई. सितंबर 2021 में महावितरण के उपभोक्ताओं पर 65,600 करोड रुपए बकाया थे.
फरवरी 2022 में भी लगभग यही आंकडा था. बकायादारों से वसूली किए जाने पर महावितरण को कुछ रकम प्राप्त हुई थी. इसकी वजह से ऊर्जा मंत्रालय ने 16 शहर निजी कंपनियों के हवाले करने का निर्णय लिया. जिसमें 11 शहरों पर अदानी समूह की नजर है. किंतु बिजली संगठनाओं की बेमियाद अनशन की धमकी देने के पश्चात ऊर्जा मंत्री राउत ने इसे खारिज कर दिया. राज्य की 14 महापालिकाओं के चुनाव की पार्श्वभूमि पर निजीकरण की प्रक्रिया शांती से शुरु होने की जानकारी सूत्रों व्दारा दी गई.