विदर्भ

जानवरों के लिए चॉकलेट व लड्डू बनाओ, हर महिने 50 हजार रुपए कमाओं

बकरियों के लिए कांडी बेचकर भी मिल सकता है रोजगार

नागपुर/दि.12 – चॉकलेट व लड्डू सामने आने पर उसे खाने की इच्छा हर किसी की होती है. इसमें इंसानों के साथ-साथ जानवरों का भी समावेश है. क्योंकि जानवरों को भी चॉकलेट व लड्डू पसंद आते है. जिन्हें खाने पर उनकी प्रजनन क्षमता व दूध उत्पादकता बढती है. यह पढकर भले ही आश्चर्य हो रहा होगा, लेकिन यह अपने आप में एक सत्य है. जिस तरह से मनुष्य को अपने आहार में पोषक तत्व मिलना जरुरी है. उसी तरह वहीं नियम जानवरों के लिए भी लागू होता है.
इसी पार्श्वभूमि पर राजीव गांधी विज्ञान व तंत्रज्ञान आयोग (मुंबई) तथा नागपुर के पशु वैद्यक महाविद्यालय के पशु आहार स्वास्थ्य विभाग द्बारा पशुधन संशोधन व पशु पैदास प्रक्षेत्र में फीड टेक्नॉलॉजी यूनिट स्थापित की गई है. जहां पर जानवरों के डायट को लेकर नये-नये संशोधन किए जा रहे है. जहां पर गाय, भैस, भेड व बकरी के लिए विशेष तरह के चॉकलेट व लड्डू सहित पोषक आहार बनाए जाते है. साथ ही जानवरों के आहारशास्त्र से बेरोजगारों को रोजगार का अवसर मिले. इस हेतु पहली बैंच में 10 लोगों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है.
महाराष्ट्र पशु व मत्स्य विज्ञान विद्यापीठ के संचालक (संशोधन) डॉ. नितिन कुरकुरे, अधिष्ठाता डॉ. शिरीष उपाध्ये, पशु वैद्यकीय महाविद्यालय के सहयोगी अधिष्ठाता डॉ. ए. पी. सोमकुवर तथा विभाग प्रमुख डॉ. सुधीर कविटकर के मार्गदर्शन में यह संशोधन कार्य चल रहा है.
* क्या है कांडी खाद्य
पारंपारिक भेड-बकरी पालन में जानवरों का वजन बढने हेतु काफी लंबा समय लगता है. ऐसे में बकरियों के आहार हेतु विशेष कांडी खाद्य तैयार किया गया है. जिसके चलते बकरी का वजन 9 माह में 30 किलो के आसपास पहुंच जाता है. इस कांडी खाद्य को तैयार करने के लिए 60 फीसद कुटार के साथ ढेप, मका, चुनी व चोकर आदि घटकों का आधार लिया जाता है. जिससे बकरी पालकों के नये रोजगार के साथ ही अतिरिक्त आय भी मिल सकते है. वर्धा जिले में यह प्रयोग पूरी तरह से सफल साबित हुआ है.
* कैसे बनते है चॉकलेट व लड्डू
फीड टेक्नॉलॉजी यूनिट में पशु आहार तैयार करने के लिए अत्याधुनिक मशीनरी स्थापित की गई है. जिसमें जानवरों के लिए लड्डू व चॉकलेट बनाते समय गेहूं का चोकर, गन्ने की मली, युरिया व चुनखडी का विशिष्ट मिश्रण तैयार किया जाता है. मशीन के जरिए शास्त्रीय पद्धति से यह प्रक्रिया पूर्ण की जाती है.
* फीड टेक्नॉलॉजी यूनिट में पशु आहार की निमिर्ति के साथ ही उनके डायट पर भी संशोधन चल रहा है. इससे बेरोजगारों को रोजगार के अवसर कैसे मिल सकते है. इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसके लिए 10 लोगों को प्रत्याक्षिक के साथ विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. मौजूदा वक्त की जरुरत को ध्यान में रखते हुए इस रोजगार से प्रतिमाह 50 हजार रुपए की आय प्राप्त करना सहज रुप से संभव है.
डॉ. अतुल ढोक,
सहायक प्राध्यापक,
पशु पोषण आहार शास्त्र विभाग,
पशु वैद्यक महाविद्यालय, नागपुर

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