विदर्भ

प्रकल्पों के लिए भरकस व्यवस्था करें, महाविदर्भ में जनजागरण की राज्यपाल से मांग

अमरावती संभाग में सिंचाई का १ लाख ६० हजार हेक्टर का अनुशेष

नागपुर/प्रतिनिधि दि.१८ – अमरावती संभाग की सिंचाई का १ लाख ६० हजार हेक्टर का बेकलॉग अभी भी शेष है. अमरावती विभाग के सिंचाई के नियोजन के लिए २०१९, २०२० व २०२१ के लिए क्रमश: २५२७ करोड, ३, ५७० करोड व ३४४६ करोड इस तरह कुल ९ हजार ५४३ करोड रूपये आना अपेक्षित था. जिससे यह तीनों वर्ष मिलाकर लगभग १ लाख ७० हजार हेक्टर की सिंचाई क्षमता निर्माण हुई होती. किंतु महाराष्ट्र के सबसे कम सिंचाई क्षमता वाले अमरावती संभाग में सिंचाई के लिए भरकस निधि की सिफारिश करनी चाहिए. इस तरह की अपील करनेवाला निवेदन महा विदर्भ जनजागरण के संयोजक नितिन रोंघे ने राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को पेश किया.
अमरावती संभाग के लगभग १७ सिंचाई प्रकल्प यह पुनवर्सन नियोजन के अभाव में प्रलंबित है. जिससे लगभग १ लाख १० हजार हेक्टर सिंचाई क्षमता निर्माण नहीं हो पायी. इस प्रकल्प के लिए ज्यादा से ज्यादा निधि का वितरण कर यह प्रकल्प कैसे पूर्ण होंगे. इस बाबत सरकार ने स्पष्ट निर्देश देने की अपील नितिन रोंघे ने की है.

  • विविध प्रवर्ग की ५० प्रतिशत सीटे रिक्त

विदर्भ सिंचाई विकास मंडल अंतर्गत विविध प्रवर्ग के यानी गट अ से ड तक लगभग ५० प्रतिशत सीटे आज भी रिक्त है. इन रिक्त पदों के काफी छोटे काम जैसे की इस्टीमेट बनाना, सर्वे करना अथवा शुरू काम पर देखरेख करना भी नहीं होता. विदर्भ विभाग की सिंचाई का अनुशेष कायम रहने के लिए भी यही एक कारण है.

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