नागपुर/दि.22- कानून के खिलाफ कार्रवाई प्रतिबंध कानून अंतर्गत दोषी ठहराये गए नक्सली मास्टर माईन्ड प्रा. गोकलकोंडा नागा साईबाबा उर्फ जी.एन.साईबाबा, उसे साक्षीदार व राज्य सरकार को इस मामले के इलेक्ट्रॉनिक की आपूर्ति करने के कागज पत्र दें, ऐसे निर्देश मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने सोमवार को न्यायिक व्यवस्थापकों को दिए.
7 मार्च 2017 को गडचिरोली सत्र न्यायालय ने साईबाबा व उनके साथियों को दहशतवादी कृत्य का जाल बिछाने, दहशतवादी संगठना के लिए कार्य करने आदि गंभीर अपराधों में दोषी ठहराते हुए उम्रकैद व विविध कालावधि के लिए कारावास की सजा सुनाई है. जिसके खिलाफ आरोपियों ने उच्च न्यायालय में अपील दाखल की है.
जिस पर न्यायमूर्तिद्वय सुनील शुक्रे व गोविंद सानप के समक्ष सुनवाई हुई. दरमियान आरोपी व राज्य सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक आपूर्ति करने के कागज पत्र देदने की विनती की. उस विनती को मान्य कर प्रकरण पर 25 जुलाई को आगामी सुनवाई निश्चित की गई. अन्य आरोपियों में महेश करिमन तिरकी, पांडू पोरा नरोटे, हेम केशवदत्ता मिश्रा, प्रशांत राही, नारायण सांगलीकर व विजय नान तिरकी का समावेश है. साईबाबा दिल्ली विद्यापीठ में प्राध्यापक था.
महेश तिरकी व नरोटे मुरेवाड़ा, तहसील एटापल्ली (गडचिरोली), मिश्रा कुंजबारगल,जि.अलमोडा (उत्तराखंड),राही देहरादून (उत्तराखंड) व विजय तिरकी धरमपुर तहसील पाखंजूर, जि. कांकेर (छत्तीसगढ़) के निवासी है. सरकार की ओर से वरिष्ठ एड. सिद्धार्थ दवे व एड. प्रशांतकुमार सत्यपाथन ने कामकाज देखा.