विदर्भ

नागपुर विधिमंडल में मराठी भाषा विद्यापीठ विधेयक मंजूर

विश्वविद्यालय पर 200 करोड खर्च किए जाएंगे

* रिद्धपुर को मॉडल पर्यटन स्थल बनाएंगे
* उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का प्रतिपादन

रिद्धपुर/दि. 21– श्री क्षेत्र रिद्धपुर महाराष्ट्र महाराठी भाषा विद्यापीठ विधेयक को 19 दिसंबर को नागपुर में शुरु शीतकालीन सत्र में मंजूरी दे दी गई है. शिक्षा और शिक्षा मंत्री चंद्रकांत दादा पाटिल ने कहा कि आगामी जून 2014 को रिद्धपुर मराठी भाषा रिद्धपुर स्थित ‘थीमपार्क’ की इमारत में शुरु कर दिया जाएगा. महाराष्ट्र उच्च शिक्षा संचालक डॉ. शैलेंद्र देवळणकर ने भी पिछले एक सप्ताह पहले रिद्धपुर पहुंचकर थीम पार्क की इमारत का जायजा लिया था और उन्होंने विद्यापीठ की नई इमारत बनने तक थीम पार्क की इमारत में विद्यापीठ शुरु करने में अपनी सहमती जताई थी. शीतकालीन सत्र में मराठी भाषा विद्यापीठ विधेयक को मंजूरी मिलते ही देशभर के महानुभाव पंथियों और मराठी भाषियों में खुशी का माहौल है. सभी पंथियों ने महाराष्ट्र सरकार का आभार माना है.
पर्यटन नगर रिद्धपुर महानुभाव पंथियों के सर्वज्ञ श्री गोविंद प्रभु के जन्मस्थान के साथ-साथ कर्मभूमि भी रही है. श्री प्रभु ने अपने जीवनकाल में ग्राम में कई लीलाएं की. इसलिए ग्राम रिद्धपुर में श्री प्रभु चरण अंकित 250 के लगभग मंदिर आज भी मौजूद है. उल्लेखनीय है कि मराठी का पहला आद्य ग्रंथ ‘लीला चरित्र’ महिम भट्ट ने स्थानीय वाजेश्वरी परिसर में लिखा. यहां तक की मराठी की पहली कविता भी रिद्धपुर में ही लिखि गई. इसलिए रिद्धपुर को मराठी का उगम स्थान माना जाता है. इस तमाम इतिहास को मद्देनजर रखते हुए भारतवर्ष के महानुभाव पंथियों की वर्षो से मांग थी कि मराठी भाषा विद्यापीठ रिद्धपुर में ही होना चाहिए. पिछले अनेक वर्षो से इस मांग को लेकर श्री गोविंद प्रभु तीर्थस्थान सेवा समिति ने कई बार सरकार का ध्यानाकर्षण करने के लिए अर्ध दफन, आमरण अनशन, रास्ता रोको आंदोलन तक किए. पूर्व मुख्यमंत्री शंकरराव चौहान और सुधाकरराव नाईक ने भी इस संदर्भ में रिद्धपुर का दौरा किया था.

राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री रहते हुए महानुभाव पंथियों को आश्वासन दिया था कि बहुत जल्द रिद्धपुर को मॉडल पर्यटन स्थल बनाने के साथ-साथ मराठी विद्यापीठ की घोषणा कर दी जाएगी. इस समय रिद्धपुर को महाराष्ट्र पर्यटन में शामिल कर विकास हेतु 250 करोड रुपए की निधि उपलब्ध करवाई थी, लेकिन इस दरमियान राज्य सरकार में हुई उथल-पुथल के दौनान मराठी विद्यापीठ की घोषणा नहीं हो पाई थी. लेकिन देवेंद्र फडणवीस के फिर से उपमुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने महानुभाव पंथियों को दिए आश्वासन को लेकर मराठी विद्यापीठ संदर्भ में सदानंद मोर की अध्यक्षता में समिति गठित की. समिति में शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल, रस्तोगी, शैलेंद्र देवलाणकार, महंत कारंजेकर बाबा का समावेश था.
पश्चात गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस समिति सदस्यों के साथ रिद्धपुर पहुंचे थे. जहां उन्होंने मराठी साहित्य का भी जायजा लिया था और ग्रामवासियों और महानुभाव पंथियों को संबोधित करते हुए आश्वासन दिया था कि बहुत जल्द मराठी विद्यापीठ की घोषणा कर दी जाएगी. गठित समिति का अहवाल प्राप्त होते ही शीतकालीन सत्र नागपुर में मंगलवार को मराठी विद्यापीठ की घोषणा कर दी गई. शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने सदन में आगामी जून 2024 को स्थानीय थीमपार्क की इमारत में मराठी विद्यापीठ की शुरुआत करने और विद्यापीठ की शुरुआत करने और विद्यापीठ की नई इमारत पर 200 करोड खर्च किए जाने की भी घोषणा कर दी, जिससे भारतवर्ष के सभी महानुभाव पंथियों में उल्लास का माहौल है.

* महंत कारंजेकर बने रिद्धपुर के विकास पुरुष
मराठी विद्यापीठ को लेकर भारत भर के कई वरिष्ठ महानुभाव साधु-संतों ने अपनी इच्छा जरुर जताई थी, लेकिन सरसंघचालक मोहन भागवत के करीबी माने जाने वाले अमरावती मठ के मठाधीश महंत कारंजेकर बाबा पिछले 10 वर्षो से महाराष्ट्र सरकार के संपर्क में रहे, जिसमें नागपुर के अविनाश ठाकरे, महंत वाईनदेशकर का भी योगदान रहा. सरसंघचालक मोहन भागवत ने रिद्धपुर पहुचंकर मराठी के सैकडों हस्तलिखित ग्रंथों का मुआयना किया था. महानुभाव पंथियों में महंत कारंजेकर बाबा को विकास पुरुष के नाम से पहचाना जा रहा है. श्रीक्षेत्र रिद्धपुर में महाराष्ट्र राज्य मराठी भाषा विद्यापीठ विधेयक को मंगलवार को नागपुर ककेक शीतकालीन सत्र में मंजूरी मिल चुकी है. शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल के मुताबिक विद्यापीठ पर 200 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे. सर्वज्ञ री चक्रधर स्वामी की आठवीं जन्म शताब्दी अवसर पर महाराष्ट्र पंथी और मराठी भाषियों को महाराष्ट्र सरकार की ओर से उपहार है.

* महानुभाव पंथियों ने माना आभार
इस अवसर पर महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, शिक्षा मंत्री चंद्रकांत दादा पाटिल और कैबिनेट के सभी मंत्री, महाराष्ट्र के सभी विधायक, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव रस्तोगी, महाराष्ट्र उच्च शिक्षा निदेशक शैलेंद्र देवलाणकर, महाराष्ट्र भाषा विद्यापीठ के अध्यक्ष सदानंद मोरे और समिति के सभी सदस्यों का महानुभाव पंथियों ने आभार माना है.
– महंत कांरजेकर बाबा,
अध्यक्ष, श्री गोविंद प्रभु तीर्थ संस्थान सेवा समिति

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