नागपुर/दि.1 – नागपुर जिले में दूसरी लहर से भारी नुकसान हुआ है. हजारों की संख्या में मरीजों की मौत हुई है. यह शांत होते ही अब जिले में म्यूकर मायकोसिस के मरीज लगातार बढ रहे हैं. इनके इलाज में लगनेवाले एंफोटेरिसिन बी. की कमी हो गई थी. अब इसके इलाज में लगनेवाले पोसाकोनाजोल टैबलेट की भी बाजार में कमी हो गई है.
कोविड संक्रमित होनेवाले मधुमेह के मरीजों को संक्रमण के इलाज के दौरान स्टेरॉइड देने के कारण म्युकर मायकोसिस यानी ब्लैक फंगस की बीमारी हो रही है. इसके इलाज में एंटोटेरिसिन इंजेक्शन काम आता है. इसके साथ ही मरीजों को एंटी फंगल टैबलेट पोसाकोनाजोल भी दिया जाता है. मरीजों की संख्या बढने के कारण इस इंजेक्शन की खपत बढ गई है, जिससे यह बाजार से पूरी तरह खत्म हो गया है. इसके विकल्प के रूप में टैबलेट देकर इलाज किया जा रहा है, लेकिन अब यह टैबलेट भी बाजार से गायब हो गया है. मरीजों को इस दवाई के लिए भी भटकना पड रहा है.
निजी अस्पतालों में है उपलब्ध
शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में फिलहाल जिलाधिकारी की ओर से एंफोटैरिसिन इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में पहुंच रहे हैं. इसलिए पोसाकोनाजोल टैबलेट की जरूरत नहीं पड रही है. यह दवाई काफी महंगी है. करीब 340 रूपए की एक गोली आती है. कई निजी अस्पतालों में मरीजों को इंजेक्शन की जगह इसी पोसाकोनाजोल टैबलेट से इलाज किया जा रहा है.
इंजेक्शन का उपयोग कर रहे हैं
अभी हमारे पास इंजेक्शन है, तो हम टैबलेट का उपयोग बहुत ही कम कर रहे हैं. यह टैबलेट बहुत महंगी आती है. जिलाधिकारी से हमारे पास पर्याप्त मात्रा में एंफोटेरिसिन इंजेक्शन आ रहे हैं.
– डॉ. सुधीर गुप्ता
अधिष्ठाता, शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल