नागपुर/दि.3– युवती का विवाह होने पर भी अपने पिता की जगह पर अनुकंपा तत्व पर मिलने वाली नौकरी पर पूर्ण अधिकार है. विवाहित युवती को अनुकंपा आधारित नौकरी से इंकार करना असंवैधानिक है, ऐसा महत्वपूर्ण निर्णय मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने दिया.
वेस्टर्न कोल्डफिल्ड लिमेटेड (वेकोली) में काम करनेवाले राजू उसरे की वर्ष 2020 में मृत्यु हो गई. उसे पत्नी और दो विवाहित बेटी है. मां और बडी बहन से सहमति लेकर छोटी बेटी खूशबु चौतेल ने अनुकंपा आधार पर नौकरी के लिए आवेदन किया. लेकिन अगस्त 2021 में वेकोली व्दारा अर्ज ठुकराया गया. नैशलन कोल वेज एग्रीमेंट में विवाहित युवती को अनुकंपा तत्व पर नौकरी देने का प्रावधान न रहने का कारण वेकोली की तरफ से दिया गया. आवेदन ठुकराने पर खूशबु ने उच्च न्यायालय में गुहार लगाई. एड. अनिल ढवस ने खूशबु की तरफ से न्यायालय में पक्ष रखा. एड. ढवस ने छत्तीसगढ उच्च न्यायालय के आशा पांडे के खिलाफ कोल इंडिया प्रकरण का उदाहरण देते हुए विवाहित युवती को नौकरी देने से ठुकराना असंवैधानिक रहने की बात कही. न्यायालय ने खूशबु को राहत देते हुए वेकोली को एक माह के भीतर निर्णय लेने के आदेश दिए. न्यायाधीश अविनाश घरोटे और न्यायाधीश उर्मिला जोशी ने इस प्रकरण की सुनवाई की. वेकोली की तरफ से एड. पुष्कर घारे ने पक्ष रखा.