विदर्भ

नकली नोटों का मास्टर माईंड इंदौर से धरा गया

6 लोगों की टोली का हुआ पर्दाफाश, दूसरा आरोपी दिल्ली में गिरफ्तार

वर्धा/दि.5 – फर्जी नोट चलाने वाली टोली का अब इंदौर कनेक्शन सामने आया है. जिसके चलते वर्धा पुलिस ने इंदौर पहुंचकर फर्जी नोट चलाने वाले रैकेट के मास्टर माईंड ओमप्रकाश भगवान लालवानी (23) को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इससे पहले फर्जी नोट चलाने के मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद उत्तर प्रदेश के बुलंद शहर निवासी अंकुशकुमार मनोजकुमार नामक आरोपी को दिल्ली से पकडा गया. जिसकी निशानदेही पर लालवानी की गिरफ्तारी हुई. ऐसे में पुलिस ने कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर इस रैकेट पर पर्दाफाश किया.
बता दें कि, कुछ युवकों द्बारा वर्धा शहर में फर्जी नोट चलाए जाने की जानकारी वर्धा शहर पुलिस थाने को मिली थी. जिसके बाद वर्धा पुलिस ने 17 मार्च को नितिन लोणारे, स्वप्निल उमाटे, प्रीतम हिवरे व साहिल साखरकर नामक 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. जिनके पास से 94 हजार रुपए मूल्य वाली 500 रुपए की नकली नोटे जप्त की गई थी. इन आरोपियों ने बताया कि, दिल्ली में रहने वाले राज नामक व्यक्ति ने 50 हजार रुपए की असली नोटों के बदले उन्हें 1 लाख 20 हजार रुपए के नकली नोट दिए थे. जिसके बाद वर्धा पुलिस ने तुरंत खोजबीन करते हुए दिल्ली से अंकुशकुमार मनोजकुमार (20) को हिरासत में लिया. जिसके पास से 1 लाख 10 हजार रुपए के नकली नोट जप्त किए गए. पुलिस कस्टडी के दौरान अंकुशकुमार ने इंदौर में रहने वाले ओमप्रकाश लालवानी से नकली नोट मिलने की बात कहीं. जिसके बाद वर्धा पुलिस ने इंदौर जाकर ओमप्रकाश लालवानी को ही गिरफ्तार किया.

* लैपटॉप सहित कलर प्रिंटर जब्त
वर्धा पुलिस ने इंदौर में कार्रवाई के दौरान नकली नोटों की छपाई के काम में प्रयुक्त किए जाने वाले दो लैपटॉप, दो कलर प्रिंटर, 5,500 रुपए की नकली नोटे तथा 500 रुपए की 428 नकली नोटे जब्त की.

* 50 हजार का रिवॉर्ड घोषित
शहर पुलिस व क्राईम इंटेलिजन्स पथक द्बारा नकली नोटों का रैकेट उजागर करते हुए 6 आरोपियों को गिरफ्तार करने का उल्लेखनीय काम किए जाने के चलते पुलिस अधीक्षक न्ाूरुल हसन ने इस पथक के पुलिस कर्मियों को 50 हजार रुपए का रिवॉर्ड देने की घोषणा की.

* एनआईए को सौंपी जाएगी जांच
जांच के दौरान पता चला कि, नकली नोटों की खेप अन्य देशों से आती है. ऐसे में नकली नोट तैयार करने हेतु छपाई के लिए कागज की मांग ओमप्रकाश लालवानी ने टेलीग्रॉम एप डाउनलोड कर एक ग्रुप पर मैसेज भेजकर की थी. विगत 3 माह से नकली नोटों का गोरख धंधा चल रहा था. नकली नोट बनाने के काम में लगने वाला कागज अन्य देशों से आने का संदेह रहने के चलते इस मामले के तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड रहे है. जिसके चलते अब इस मामले की जांच एनआईए व एटीएस को सौंपी जाएगी. ऐसी जानकारी पुलिस अधीक्षक नूरुल हसन द्बारा दी गई है.

* इंस्टाग्राम पर हुई थी जान-पहचान
पता चला है कि, वर्धा में रहने वाले चारों आरोपियों की दिल्ली निवासी अंकुशकुमार के साथ इंस्टाग्राम के ‘फेक करेंसी’ पेज के जरिए जान-पहचान हुई थी और चोरों आरोपियों ने अंकुशकुमार से नकली नोटों के बारे में जानकारी लेने के बाद इस एप को बंद कर दिया था. जिसके बाद चारों ने दिल्ली निवासी अंकुशकुमार के साथ मोबाइल पर बातचीत की. जिसने उन्हें बाजार में चलाने हेतु असली नोटों के बदले नकली नोटों की खेप उपलब्ध कराई. खास बात यह है कि, दिल्ली निवासी अंकुश कुमार का इंदौर निवासी मुख्य मास्टर माईंड ओमप्रकाश लालवानी के साथ परिचय भी इंस्टाग्राम के जरिए ही हुआ था. ऐसे में इस मामले की जांच करते समय पुलिस को काफी दिक्कतों का सामना करना पडा. लेकिन पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए इस रैकेट का पर्दाफाश किया.

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