फेसबुक, इंस्टाग्राम की अवैध बातो के लिए ‘मेटा’ जिम्मेदार नहीं
प्रतिबंधित नायलॉन मांजा बिक्री प्रकरण में हाईकोर्ट में शपथपत्र
नागपुर/दि.12– इंटरनेट सेवा के क्षेत्र में आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करनेवाली विख्यात मेटा कंपनी ने प्रतिबंधित नायलॉन मांजा बिक्री संदर्भ में मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ के सामने खुद की भूमिका स्पष्ट करते हुए फेसबुक और इंस्टाग्राम पर खाता धारको द्वारा घोषित की जानेवाली अवैध बातो के लिए कंपनी जिम्मेदार न रहने की बात स्पष्ट की है.
प्रतिबंधित नायलॉन मांजा बिक्री के विरोध में उच्च न्यायालय में जनहित याचिका प्रलंबित है. न्यायालय ने फेसबुक और इंस्टाग्राम से नायलॉन मांजा की ऑनलाईन बिक्री की जाती रहने की बात ध्यान में लेते हुए मेटा कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा था. इसके मुताबिक कंपनी ने न्यायालय में शपथपत्र दाखिल कर अपना पक्ष रखा है.
* यूआरएल कंपनी को आपूर्ति करना आवश्यक
कंपनी ने शपथपत्र में अपनी जिम्मेदारी भी स्पष्ट की है. फेसबुक और इंस्टाग्राम पर खाता धारकों द्वारा घोषित की गई अवैध बातो को हटाने के लिए न्यायालय द्वारा आदेश दिए गए अथवा सरकारी यंत्रणा द्वारा ऐसी बात प्रकाश में ला दी गई तो मेटा कंपनी उस अवैध बातो को हटाने के लिए जिम्मेदार है. लेकिन इसके लिए अवैध बातो की यूआरएल कंपनी को आपूर्ति आवश्यक है. यूआरएल के बगैर कंपनी कुछ नहीं कर सकती, ऐसा कंपनी का कहना है. साथ ही अवैध बाते घोषित किए जाने से संबंधित खाते बंद नहीं किए जा सकते. वैसा करने पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मुलभूत अधिकार को धक्का पहुंचेगा. कंपनी को खुद होकर भी इन बातो की जांच के लिए अनिवार्य नहीं किया जा सकता, ऐसा कंपनी ने दर्ज किया है.