विदर्भ

चंद्रपुर-सिरोंचा ब्लॉक में मीथेन के भंडार

वर्ष 2016 में हुआ था सर्वे

चंद्रपुर/दि.13– विदर्भ के भूगर्भ में क्या छिपा है यह नए-नए अध्ययन में सामने आ रहा है. यहां करोडो वर्ष पूर्व तैयार खनिज, मूल्यवान धातु, कोयला व जीवाश्म मिले थे. परंतु अब मीथेन गैस का भंडार होने की बात सामने आई है. दरअसर अब तक प्राकृतिक गैस का भंडार समंदर में ही मिलता था, परंतु पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय कके 2016-17 में किए गए सर्वे में चंद्रपुर जिले में 331 स्क्वे/किमी भू क्षेत्र में 37 तो सिरोंचा ब्लॉक में 709 वर्ग/किमी परिसर में 47 बिलियन क्यूबिक मीटर कोल बेडेड मीथेन का भंडार मिला है. यह जानकारी जियोलॉजिकल सर्वे, हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय, पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय भारत सरकार एनजीसी के सर्वे के हवाले से पर्यावरण व भूशास्त्र अभ्यासक प्रो. सुरेश चोपणे ने दी है.

गौरतलब है कि 1996-98 में भी चंद्रपुर औ गडचिरोली जिले में सर्वे किया गया था, परंतु अत्याधुनिक तकनीक नहीं होने से भंडार का आकलन नहीं हो पाया था. जमीन में स्थित कोल बेड मीथेन की ओर सरकार का ध्यान गया तो 2016-17 में विविध तकनीक के माध्यम से सर्वे किया गया. चंद्रपुर ब्लॉक के माध्यम से सर्वे किया गया. चंद्रपुर ब्लॉक पूर्व विदर्भ के प्राणहिता-गोदावरी बेसिन में समावेश है. इस श्रेणी-3 में आनेवाले बेसिन का विस्तृत अध्ययन करने के बाद यहां व्यवसायिक भंडार मिला. विदर्भ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के साथ ब्लॉक के संबंध में गेल, लॉयड और सोलर ग्रुप की बैठक हुई. किंतु पर्यावरण व वन कानून के चलते अब तक किसी कंपीन ने यह ब्लॉक नहीं लिया.

* प्रकल्प से वायु प्रदूषण की आशंका
मीथेन गैस को निकालने के लिए ड्रील पद्धति का उपायोग किया गया जाता है. मीथेन ब्लॉक के लिए जंगल और वन्यजीव क्षेत्र बाधित नहीं होगा ऐसी उम्मीद है. इस प्रक्रिया में वायू प्रदूषण आशंका अधिक है. जंगल व पर्यावरण का नुकसान होता होगा तो इस प्रकल्प का विरोध करेंगे.
– प्रो. सुरेश चोपणे,
अध्यक्ष ग्रीन प्लानेट सोसायटी

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