विदर्भ

१० तहसीलों में मिल रहा सरकारी मूल्यों पर दूध

अधिकांश दुग्ध संघो पर सत्ताधारियों का कब्जा

हिं.स./दि.३१
मुंबई– रयत क्रांती  संगठन के संस्थापक तथा पूर्व कृषि राज्य मंत्री सदाभाऊ खोत ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार की २५ रुपए प्रति लीटर की दर से दूध की खरीदी योजना केवल महाविकास आघाडी सरकार के मंत्रियों से जुडे दुग्ध संघों के लिए है. गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में खोत ने कहा कि सरकार के सिर्फ दिग्गज मंत्रियों से संबंधित सहकारी दुग्ध संघों में ही २५ रुपए प्रतिलीटर की दर से दूध खरीदी हो रही है. उन्होंने कहा कि बारामती के सहकारी दुग्ध संघ में १ लाख लीटर, कात्रज में १ लाख लीटर, संगमनेर में १ लाख लीटर, सांगली के वालवा में २० हजार लीटर, औरंगाबाद में १० हजार लीटर, भंडारा में २० हजार लीटर, सोलापुर के शिवामृत दूध संघ में २० हजार लीटर, दूध खरीदी की जा रही है.इसमें अधिकांश दुग्ध संघों पर सत्ताधारी मंत्रियों का कब्जा है. उन्होंने कहा कि, राज्य की २८८ तहसीलों में दूध का उत्पादन होता है. लेकिन सिर्फ १० तहसीलों में ही सरकारी कीमत पर किसानों से दूध खरीदा जा रहा है. ऐसे में बाकी के तहसीलों के दूध उत्पादक किसान कहां पर जाएंगे? इन तहसीलों के किसानों को केवल २० रुपए प्रति लीटर की दर पर दूध बेचना पड रहा है.
पांच लाख लीटर की हो रही खरीदारी
खोत ने कहा कि, सरकार ने प्रतिदिन १० लाख लीटर दूध खरीदने की घोषणा की है. लेकिन हर दिन केवल ५ लाख लीटर दूध खरीदा जा रहा है. सरकार से दूध उत्पादक किसानों के लिए १० रुपए प्रति लीटर की दर से अनुदान देने और दूध पाउडर के लिए ५० रुपए प्रति किलों की मांग की गई है

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