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मंत्री गडकरी की मध्यस्थता आयी काम

मध्य रेल्वे से महिला को मिला न्याय

नागपुर/दि.20– एक तलाकशुदा महिला के पिता व भाई की 5 माह के अंतराल में मौत हो गई थी. इसके चलते उक्त महिला, उसके दो बच्चे तथा उसकी बुढी मां बेसहारा हो गए. परंतु नियमों का हवाला देते हुए मध्य रेल्वे ने उक्त महिला को अनुकंपा तत्व पर नौकरी देने से तीन बार इंकार कर दिया. लेकिन यह बात जैसे ही केंद्रीय भुतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पता चली, तो उन्होंने रेल मंत्रालय के साथ संपर्क करते हुए आवश्यक हस्तक्षेप किया. उसके चलते उक्त महिला को मध्य रेल्वे में नौकरी मिली.
जानकारी के मुताबिक मध्य रेल्वे के सेवाग्राम रेल्वे स्टेशन पर रामभाउ थुल पंप ड्राइवर के तौर पर नौकरी किया करते थे. जिनकी मार्च 2019 में ड्यूटी पर रहने के दौरान रेल हादसे में मौत हो गई. जिसके बाद रामभाउ पर निर्भर रहने वाली उनकी पत्नी मिरावंती व बेटे नितिन का परिवार बेसहारा हो गया. इसी बीच रामभाउ की बेटी स्मीता के तलाक का मामला अदालत के समक्ष विचाराधीन रहने के चलते वह भी अपने दो छोटे बच्चों को साथ लेकर अपने मायके में रहने आ गई थी और स्मीता और उसके दोनों बच्चे रामभाउ पर भी निर्भर थे. ऐसे में रामभाउ के मृत्यु पश्चात 5 लोगों के उदर निर्वाह की समस्या पैदा हो गई थी. ऐसे में परिवार ने रामभाउ के बेटे नितिन को अनुकंपा तत्व पर नौकरी मिलने हेतु प्रयास करना तय किया. परंतु 5 माह में ही अगस्त 2019 के दौरान नितिन की हृदयाघात के चलते मौत हो गई. एक के बाद एक इन दो बडे संततों की वजह से परिवार की आर्थिक व मानसिक स्थिति बिगडनी शुरु हुई. ऐसे में परिवार ने रामभाउ की बेटी स्मीता को अनुकंपा तत्व पर नौकरी मिलने हेतु आवेदन किया. परंतु रामभाउ की मृत्यु के समय स्मीता के तलाक का मामला न्याय प्रविष्ट था. जिसके चलते वह और उसके दोनो बच्चे कानूनी तौर पर रामभाउ पर निर्भर नहीं थे. इस वजह को आगे करते हुए मध्य रेल्वे ने तीन बार स्मीता को नौकरी देने से इंकार कर दिया. ऐसे में इस परिवार ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात करते हुए उनसे मदद मांगी. इस दौरान अक्तूबर 2020 में स्मीता का तलाक भी हो गया था. ऐसे में पूरे मामले को देखते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रेल मंत्रालय से संपर्क करते हुए इस मामले में मानवीयता के आधार पर निर्णय लेने हेतु कहा और उनके द्बारा किए गए प्रयासों के चलते थोडा विलंब से ही सही लेकिन स्मीता को अपने पिता के स्थान पर अनुकंपा तत्व के तहत रेल्वे में नौकरी मिल गई. जिसके जरिए वह अपने बुढी मां और अपने दो बच्चों का उदर निर्वाह कर सकती है

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