रायगढ/दि.17 – रायगढ में 17 साल के एक लडके का ऑनलाइन गेम के चक्कर में फंसकर 75 हजार रुपए का कर्ज ले लिया और इसी के चलते उसे अपनी जान गंवानी पडी. उसने अपने दोस्त से फ्री फायर गेम में गन के अपडेट्स और बाकी फिचर्स खरीदने के लिए पैसे लिए थे और लौटा नहीं पाया. इससे नाराज हुए उस दोस्त ने शराब पिलाकर ब्लेड से उसका गला काट दिया. मारे गए नाबालिग का नाम लक्षेंद्र है. उसके पिता जम्मू में नौकरी करते है और मां के साथ रायगढ में रह रहा था. कोरोना के कारण लक्षेंद्र की ऑनलाइन क्लास चल रही थी. वह मोबाइल पर गेम खेलता तब मां को लगता की वह ऑनलाइन पढाई कर रहा है, क्योंकि उन्हें मोबाइल की ज्यादा समझ ही नहीं थी.
लक्षेंद्र को मोबाइल गेम की लत इस कदर हो गई थी कि वह पडोस में रहने वाले अपने दोस्त चवन खूंटे से उधार लेकर गेम के फीचर्स खरीदने लगा. एक साल में वह करीब 75 हजार रुपए ले चुका था. चवन पैसे मांगता, तो वह टाल देता था. 10 मार्च को चवन और लक्षेंद्र साथ में घर से बाहर घूमने के लिए निकले दोनो ने जमकर शराब पी. वहां भी चवन ने पैसे मांगे तो लक्षेंद्र ने मना कर दिया. इस पर चवन ने गुस्से मे आकर ब्लेड से उसका गला काट डाला. लक्षेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई.
हत्या की कहानी बनाई अपहरण की कहानी
चवन ने लक्षेंद्र की हत्या करने के बाद लाश छिपा दी और उसके फोन से खुद के मोबाइल पर एक मैसेज किया कि लक्षेंद्र का अपहरण हो गया है और अपरहणकर्ता पांच लाख देने पर उसे छोंडेगे. पुलिस को यह बात बताई गई. पुलिस चार दिनों तक बच्चें को जिंदा सोचकर लगातार खोजबीन करती रही. लेकिन सारे सीसीटीवी फुटेेज खंगाले तो आखिरी बार लक्षेंद्र चवन के साथ ही दिखा. इससे पुलिस को शक चवन पर हो गया.
मैसेज आने बंद हुए तो पुलिस का शक गहराया
लक्षेंद्र के गायब होने के बाद उसके फोन से लगातार अपहरण्कर्ता केे मैसेज आ रहे थे. लेकिन जब पुलिस ने चवन को गिरफ्तार कर कस्टडी में रखा तो मेसेज आना बंद हो गए. उसके बाद चवन पर पुलिस का शक और गहरा हो गया. सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपना जूर्म कबूल कर लिया.