
* आपसी सहमति से संबंध होने की बात कही
नागपुर /दि. 1– विवाह की बात तय होने के बाद दुल्हन बनने जा रही युवती ने अपने नियोजित दूल्हे के साथ अपनी सहमति से शारीरिक संबंध रखे थे, इस बात को लेकर मिले सबूतो के आधार पर मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने बलात्कार सहित अन्य अपराधों को लेकर दर्ज किए गए एफआईआर और इस मामले के मुकदमे को ही खारिज कर दिया. न्या. नितिन सूर्यवंशी व न्या. प्रवीण पाटिल की दो सदस्यीय खंडपीठ ने यह फैसला सुनाते हुए बलात्कार के मामले में आरोपी बनाए गए युवक को बडी राहत दी है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक अमरावती जिले में रहनेवाली युवती का विवाह चंद्रपुर जिला निवासी युवक के साथ तय हुआ था. 28 मई 2023 को उन दोनों की सगाई हुई थी और 26 नवंबर 2023 को उन दोनों का विवाह भी होनेवाला था. इस दौरान शादी की पत्रिका बाटते समय नियोजित दूल्हे के साथ एक सडक हादसा घटित हो गया. जिसकी वजह से शादी व रिश्ते की बात को रद्द कर दिया गया. इसके बाद नियोजित दुल्हन ने पुलिस थाने पहुंचकर उक्त युवक के खिलाफ बलात्कार की शिकायत दर्ज करते हुए आरोप लगाया कि, उक्त युवक का उसके साथ विवाह करने का इरादा ही नहीं था. यही वजह रही कि, सगाई तय होने के बाद उक्त युवक ने उसके साथ बार-बार शारीरिक संबंध बनाए और अंत में हादसे वाली घटना की आड लेकर शादी की बात को खत्म कर दिया. इस शिकायत के आधार पर अमरावती के गाडगे नगर पुलिस थाने में नियोजित दूल्हे सहित उसके बडे भाई व भाभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी तथा जांच को पूरी कर प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी की अदालत में चार्जशीट पेश की गई. ऐसे में तीनों आरोपियों ने हाईकोर्ट में गुहार लगाते हुए कहा कि, विवाह रद्द होने की बात 6 अप्रैल 2024 को तय हुई थी. जिसके बाद उक्त युवती द्वारा 29 मई 2024 को बलात्कार के संदर्भ में शिकायत दर्ज कराई गई. जिसके पीछे उक्त युवती का हिडन एजेंडा, व्यक्तिगत द्वेष व बदले की भावना हो सकती है. इस युक्तिवाद को अदालत ने ग्राह्य मानते हुए आरोपियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर व मुकदमें को खारिज करने का आदेश जारी किया है. इस मामले में तीनों आरोपियों की ओर से एड. विश्वेश नायक व एड. राजेश नायक द्वारा पैरवी की गई.