विदर्भ

राज्य की गोदाम में 8 हजार टन से अधिक अनाज नष्ट हुआ

केन्द्र सरकार के पास दर्ज

नागपुर/दि.7 – देश के अनेक क्षेत्र में गरीबों को अनाज के लिए बहुत परिश्रम करना पडता है तथा दूसरी ओर गोदाम की दुर्दशा के कारण बडी मात्रा में अनाज नष्ट होने से किसानों का नुकसान होता है. महाराष्ट्र में 2015-2021 इस 6 वर्ष में कुल 8 हजार टन से अधिक अनाज नष्ट होने का केन्द्र सरकार के पास रिकार्ड है. पूरे देश का अनुमान लगाया जाए तो 19 हजार 955 टन अनाज नष्ट हुआ है. इस पर से अंदाज लगाया जाए तो गोदाम का सुधार कितना जरूरी है. यह सिध्द होता है.
देश के विविध क्षेत्र में किसानों की ओर से खरीदा गया अनाज महामंडल के गोदाम में इकट्ठा किया जाता है. वहां से शासन की विविध योजना के लिए तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए अनाज की पूर्ति की जाती है. अनेक गोदामे पुरानी हो गई है. जिसके कारण बारिश में पानी गिरने से अथवा अन्य समय में कीटक अथवा अन्य कारण से पोते खराब हो जाने से अनाज खराब हो जाता है. केन्द्रीय ग्राहक व सार्वजनिक वितरण विभाग के पास पंजीयननुसार 2015-16 से 2021 दिसंबर के अंत तक देश के विविध राज्य में गोदाम में रखे 19 हजार 955 टन अनाज नष्ट हुआ. महाराष्ट्र में इसी समय 8,220 टन अनाज नष्ट होने का पंजीकृत किया है. 6 साल में सबसे अधिक अनाज नष्ट होने का 2016-17 (7963 टन)में व उसके बाद 2021 में (133 टन) होने का दिखाई देता है.

अनाज नष्ट होने से रोकने के लिए उठाए गये कदम

अनाज नष्ट होने से रोकने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से समय- समय पर उपाय किया जाता है. जिसमेें गोदाम का निर्माण कार्य, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अनाज इकट्ठा किया जाता है. अनाज को फफूंद न लगे इसलिए उपाय योजना, कीट नियंत्रण के लिए गोदाम में रोग प्रतिबंध का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा गोदाम में अधिक समय तक अनाज इकट्ठा करने की जरूरत ही न पडे इसलिए गोदाम में शुरू में आए पोते पहले से ही बाहर भेज दिए जाते है.

गोदाम में अनाज नष्ट होने की स्थिति

वर्ष          महाराष्ट्र      देश
2015          56         3116
2016        7963       8776
2017          15         2663
2018          35         5213
2019         18         1930
2020          0          1850
2021        133        1620

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