विदर्भ

खांसी-बुखार, बीपी-डायबिटीज सहित 800 से ज्यादा जरुरी दवाएं होंगी महंगी

नियमित दवा लेने वालों का बढ़ेगा खर्च, मई माह से बढ़ेगा प्रतिमाह बोझ

नागपुर/दि.15- वर्ष 2022-23 की शुरुआत के साथ ही आम लोगों को महंगाई का बूस्टर डोज लगना शुरु हो गया है. 1 अप्रैल से खाने-पीने की वस्तुओं, सीएनजी व अन्य कई वस्तुओं के दाम बढ़ने के साथ-साथ 800 जरुरी दवाओं की कीमतों में भी बढ़ोत्तरी हो गई है. इन दवाओं में खांसी, बुखार, ब्लडप्रेशर,डायबिटीज के इलाज में काम आने वाली दवाओं सहित दर्द निवारक दवाएं भी शामिल हैं. अब मरीजों को छोटी-छोटी बीमारियों का इलाज कराने के लिए भी जेब ज्यादा ढीली करनी होगी. नेशनल फार्मा प्राइसिंग अथॉरिटी एनपीपीए ने 1 अप्रैल से 800 से ज्यादा जरुरी दवाओं के दाम में 11 प्रतिशत की भारी वृद्धि करने की घोषणा की थी.
* पेनकिलर्स और गैस की दवाएं भी इनमें शामिल
आवश्यक दवाओं की सूची में बुखार, स्किन इन्फेक्शन, ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, सर्दी-खांसी, कान-नाक और गले की दवाएं, एंटीसेप्टिक्स, एंटी-इनंफ्लमेटरी ड्रग्स, एंटीबायोटिक्स, दर्द और गैस की दवाओं सहित 800 से ज्यादा दवाएं शामिल हैं. इनमें पैरासिटामॉल, एजिथ्रोमाइसिन, सिप्रोफ्लॉक्सिन, हाइड्रोक्लोरइड, मेट्रोनिडाजोल, फेनोबार्बिटोन, फेनिटोइन सोडियम जैसी महत्वपूर्ण सॉल्ट वाली दवाएं है. फॉलिक एसिड, विटामिन और मिनरल्स की कमी को दूर करने वाली दवाएं भी इसी श्रेणी में आती हैं.
* फिलहाल पुरानी कीमतों में ही दवा
अभी मार्केट में पुराना लॉट ही है, इसलिए दवाईयां पुरानी कीमत में ही मिलेगी. दवा निर्माताओं से प्राप्त जानकारी के अनुसार नई दवाएं मई या जून तक मार्केट में आएंगी.

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